यूपी की मुजफ्फरनगर पुलिस ने आदेश जारी किया है कि कांवड़ यात्रा मार्ग में आने वाली दुकानों के मालिक दुकानों पर अपने नाम लिखें, ताकि कांवड़ियों में कंफ्यूजन न हो और दुकानदार का धर्म पता चल सके। 22 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा से तीन दिन पहले यह आदेश जारी किया गया है। पुलिस के इस आदेश के पर राजनीति शुरू हो गई। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा- जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा? ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं।
AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मुजफ्फरनगर पुलिस की तुलना हिटलर से की है। वहीं गीतकार जावेद अख्तर ने कहा- नाजी ने भी जर्मनी में ऐसा ही किया था। 22 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू हो रही है। मुजफ्फनगर इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि इसी जिले से होते हुए कांवड़िए हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और यूपी के अलग-अलग जिलों में जाते हैं। कुछ दिन पहले बघरा के योग साधना केंद्र के संस्थापक स्वामी यशवीर आश्रम महाराज ने चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि कांवड़ रास्ते पर पड़ने वाले मुस्लिम होटल संचालक अपना लिखें, नहीं तो आंदोलन छेड़ देंगे।
उन्होंने आरोप लगाया था कि मुसलमानों ने हिंदू देवी-देवताओं के नाम पर होटल खोल रखे हैं। इससे श्रद्धालु भ्रमित हो जाते हैं। इनके इस बयान के बाद पुलिस ने जांच की। जांच में 8 होटल ऐसे मिले, जिनके मालिक मुसलमान थे, लेकिन होटलों के नाम हिंदू देवी-देवताओं के नाम पर रखे थे। इसके बाद SSP अभिषेक सिंह ने सभी होटल मालिकों से अपील की कि अपने होटल का नाम बदल लें। SSP अभिषेक सिंह ने कहा- कांवड़ यात्रा के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखना होता है। ऐसे में किसी प्रकार की भ्रम की स्थिति पैदा न हो, इसलिए होटल संचालकों से उनके नाम की पट्टिका लगवाई गई। कांवड़िए खानपान में कुछ खाद्य सामग्री से परहेज करते हैं।
ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां कांवड़ मार्ग पर दुकानदार अपनी दुकानों के नाम इस तरह रखते हैं, जिससे कांवड़िए भ्रमित हो जाते हैं। इसके चलते कानून व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति पैदा हो जाती है। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए होटल मालिकों और अन्य दुकानदारों से अनुरोध किया कि स्वेच्छा से मालिक दुकान पर अपना और वहां काम करने वालों का नाम लिखवा दें। हमारा इरादा किसी की भावनाओं को आहत करने का नहीं है।