हिंदी न समझ पाने से परेशान दार्जिलिंग की छात्रा ने दी जान, मां बोली- तनाव में थी बेटी

 

पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग से मां के साथ लखनऊ शिफ्ट हुई आठवीं की छात्रा ने मंगलवार दोपहर फांसी लगाकर जान दे दी। वह आशियाना के रुचिखंड में रह रही थी। पुलिस का कहना है कि हिंदी भाषा समझ में न आने से पढ़ाई में आ रही दिक्कत से तनाव में आकर छात्रा ने यह कदम उठाया।

दार्जिलिंग निवासी निमाकिट एक निजी सिक्योरिटी कंपनी में काम करती हैं। वह पांच माह पहले छोटी बेटी दीया के साथ लखनऊ शिफ्ट हुई थीं और रचिखंड में किराये के मकान में रह रही हैं। उन्होंने आठवीं की छात्रा दीया का निजी स्कूल में दाखिला कराया था। दीया के पिता निर्मल बड़ी बेटी के साथ दार्जिलिंग में ही रहते हैं।

निमाकिट मंगलवार सुबह ड्यूटी पर चली गईं तो दोपहर में दीया ने कमरे में लगे पंखे से दुपट्टे के सहारे फांसी लगा ली। पड़ोसी ने उसे फंदे से लटका देख मां को फोनकर जानकारी दी। घर पहुंचीं निमाकिट ने बेटी को फंदे से उतारा और लोकबंधु अस्पताल ले गईं, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। किला चौकी इंचार्ज प्रवेंद्र सिंह ने बताया कि दीया की मां के अनुसार बेटी को हिंदी भाषा समझ में नहीं आ रही थी। इससे वह ढंग से पढ़ाई नहीं कर पा रही थी। मां के अनुसार इसी के चलते तनाव के कारण बेटी ने जान दे दी।
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