वायरल फीवर से आंखों में हो रही जलन:लखनऊ के 3 अस्पतालों का रियलिटी चेक, सुबह से खांसी-बुखार के मरीज सबसे ज्यादा

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लखनऊ –  उत्तर प्रदेश के लगभग सभी जिलों में तेजी से वायरल फीवर के मरीज बढ़े हैं। अस्पतालों में सुबह से ही मरीजों की भीड़ देखी जा रही है। बुखार-खांसी के रोगियों की संख्या सबसे ज्यादा है, इस बीच वायरल के साथ आंखों में जलन की समस्या वाले मरीज भी सामने आ रहे हैं।मौसम में आए बदलाव और तापमान बढ़ने के साथ ऐसे मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। बड़ी बात ये हैं कि सरकारी अस्पतालों के अलावा निजी अस्पतालों में भी ऐसे मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है।खांसी, जुकाम और बुखार के लक्षण वाले मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है।लखनऊ के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल बलरामपुर चिकित्सालय में सुबह 8 बजे से OPD में मरीजों की भीड़ उमड़ रही है बड़ी बात ये है कि एक घर से 2 से 3 मरीज वायरल फीवर की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। हालांकि ज्यादातर मरीजों को दवा से आराम मिल रहा हैं। संक्रमित रोगों के अलावा बलरामपुर अस्पताल की आई क्लिनिक में भी बड़ी संख्या में रोगी सामने आ रहे हैं। यहां कई ऐसे मरीज भी हैं, जिन्हें वायरल फीवर के साथ आंखों में इंफेक्शन की समस्या भी है।बलरामपुर अस्पताल के वरिष्ठ नेत्र चिकित्सक डॉ. संजय तेवतिया कहते हैं कि इस मौसम में आंखों में वायरल इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती हैं। ऐसे मरीजों की आंखों में खुजलाहट के साथ कंजेक्टिवाइटिस इंफेक्शन की समस्या भी बढ़ जाती हैं। कुछ मामलों में फंगल इंफेक्शन भी देखे जाते हैं। हालांकि पैनिक होने जैसे हालात नहीं हैं। दवा देने से मरीजों को आराम मिल रहा है। डॉ.एनबी सिंह कहते हैं कि OPD में मरीजों की भीड़ सुबह से ही उमड़ रही है। रोजाना 4 हजार से ज्यादा की संख्या में मरीजों का रजिस्ट्रेशन हो रहा है। इनमें सर्दी, जुकाम-बुखार, खांसी के मरीज भी हैं। सभी मरीजों का इलाज किया जा रहा है। जरूरत के मुताबिक, जांच कराकर दोबारा रिपोर्ट दिखाने की बात भी कही जा रही है। इस बार सीजनल फ्लू तेजी से फैल रहा है। घर में किसी एक को खांसी-जुकाम होने पर सभी इसकी चपेट में आ जा रहे हैं। बुखार और वायरस के मरीजों को थोड़ी सतर्कता बरतने की हिदायत भी दी जा रही है।

लखनऊ के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल की OPD में भी सुबह से ही भारी संख्या में रोगी पहुंच रहे हैं। यहां भी सीजनल फीवर के केस ज्यादा आ हैं। जरूरत पड़ने पर जांच भी कराई जा रही है।अस्पताल के CMS डॉ. राजेश श्रीवास्तव कहते हैं कि गंभीर हालत में आने वाले मरीजों का इमरजेंसी में इलाज हो रहा है। आमतौर पर मौसम बदलने के साथ ऐसे मरीजों की संख्या में थोड़ा बहुत बढ़ती है। लेकिन, हालात नियंत्रण में है।

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