वाराणसी में सावन की शिवरात्रि और जुमे की नमाज के दिन माहौल गरमा गया। ज्ञानवापी के बाहर 500 से ज्यादा नमाजियों ने हंगामा कर दिया। नमाजियों ने ज्ञानवापी में नमाज पढ़ने और एंट्री से इनकार कर दिया। हंगामे की सूचना पर फोर्स मौके पर पहुंची। इस दौरान पुलिसकर्मियों और नमाजियों की नोकझोंक हो गई। दरअसल, गुरुवार को प्रशासन काशी विश्वनाथ धाम के गेट नंबर-4 से सटाकर ज्ञानवापी के नमाजियों के लिए नया अस्थायी गेट बनवा रहा था। नमाजियों ने विरोध किया तो प्रशासन ने गेट बनाने का फैसला वापस ले लिया।
हालांकि, गेट की चौखट बन चुकी थी। प्रशासन ने कहा था रात में इसे भी हटवा देंगे। आज दोपहर नमाजी पहुंचे। देखा तो वहां से चौखट नहीं हटी थी। इस पर उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। फिलहाल, अफसर नमाजियों को समझाने में जुटे हैं। शहर मुफ्ती डॉ. अब्दुल बातिन नोमानी ने कहा- कल भी हमने विरोध किया था, आज भी हम विरोध कर रहे हैं। गेट तो नहीं लगने दिया, लेकिन जितना काम पहले हो चुका है, वो भी हटाया जाए। उसकी बुनियाद यानी चौखट भी हटाई जाए। ये प्रशासन की मनमानी है।
ADM सिटी ने कहा था कि रात 1 बजे तक हम सब कुछ हटवा देंगे। आपकी सारी मांगे पूरी होंगी। इंतजार करता रहे, अब ADM सिटी खुद ही कह रहे हैं कि गेट तो नहीं लग पाएगा, लेकिन जो बन गया है, वो नहीं हट पाएगा। मुफ्ती ने कहा- ज्ञानवापी क्षेत्र परिसर में कोई नया काम होगा तो इसमें मसाजिद कमेटी, अंजुमन इंतजामिया और मंदिर न्यास की सहमति जरूरी होती है। बिना किसी जानकारी मंदिर प्रशासन की ओर से गेट नंबर चार के पास गेट लगवाया जा रहा था। हमें प्रशासन पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन मुस्लिम समुदाय को मस्जिद में जाने देने से रोकने और संख्या को कम करने के लिए ऐसा कर रहा है। अलग गेट लगने के बाद उसमें ताला लगने और बंद किए जाने की संभावना अधिक होगी।