देहरादून: विशेष पॉक्सो कोर्ट ने एक 42 वर्षीय व्यक्ति को बरी कर दिया। उस पर अपनी 15 वर्षीय बेटी के साथ बलात्कार का आरोप था। वह पिछले पांच साल से जेल की सजा काट रहा था। व्यक्ति ने अपने बेटी का प्रेमी के साथ संबंध का विरोध जताया था। इसके बाद लड़की के प्रेमी के कहने पर उसने पिता पर रेप का झूठा आरोप लगा दिया। सबूतों की जांच करने और गवाहों को सुनने के बाद अदालत ने व्यक्ति को निर्दोष पाया।
25 दिसंबर, 2019 को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया था। समिति के सदस्यों ने कहा था कि लड़की ने उन्हें अपने पिता द्वारा यौन शोषण के बारे में बताया था। उसकी छोटी बहन ने भी आरोपों का समर्थन किया था। देहरादून में कपड़े धोने का काम करने वाले इस व्यक्ति को 27 दिसंबर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। जांच के दौरान पुलिस को लड़की द्वारा उसके प्रेमी को लिखे गए कुछ पत्र बरामद हुए। उसने पूछताछ के दौरान कबूल किया कि वह एक लड़के से प्यार करती थी जिसने उसे सीडब्ल्यूसी में झूठी शिकायत दर्ज कराने के लिए उकसाया।
लड़की ने यह भी स्वीकार किया कि वह अपने पिता से परेशान थी क्योंकि उसके पिता लड़के के साथ उसके रिश्ते को लेकर असहमत थे और वह स्कूल नहीं जाती थी। मुकदमे के दौरान डॉक्टर ने अदालत को बताया कि उसकी मेडिकल रिपोर्ट निगेटिव आई है और यह पुष्टि नहीं हो सकी है कि उसके साथ बलात्कार हुआ था। सबूतों की समीक्षा करने के बाद अदालत ने व्यक्ति को निर्दोष घोषित किया और पिछले सप्ताह उसे बरी करने का आदेश जारी किया।