यूपी में चैटिंग का गंदा खेल, जुर्म की काली कहानी

 

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की फर्रुखाबाद पुलिस को कई थानों में पिछले कुछ दिनों से एक शिकायत मिल रही थी। शिकायत करने वाले लोग अलग-अलग थे लेकिन सभी की समस्या एक जैसी थी। इन लोगों की शिकायत थी कि वो अपने वॉट्सऐप पर ना तो कोई मेसेज कर पा रहे हैं और ना ही किसी मेसेज का जवाब दे पा रहे हैं। शुरुआत में लगा कि शायद ये कोई तकनीकी समस्या है, लेकिन जब लगातार ऐसी शिकायतों का सिलसिला बढ़ने लगा तो पुलिस ने गहराई से तफ्तीश शुरू की। और, इस तफ्तीश में जुर्म की एक ऐसी काली कहानी निकलकर सामने आई, जिसे जानकर पुलिस अफसरों के भी होश उड़ गए।

शिकायतों के आधार पर जब फर्रुखाबाद की नवाबगंज पुलिस और साइबर सेल जुर्म की इस तह तक पहुंची तो नाबालिगों का एक गैंग पकड़ में आया। कुल 6 लोगों के इस गैंग में पांच नाबालिग मिले। ये गैंग लोगों के मोबाइल में मौजूद उनका वॉट्सऐप अकाउंट हैक कराता था और इसके बाद उनकी प्राइवेट चैट और निजी जानकारी को विदेशी वेबसाइट को बेच देता था। पुलिस ने दो लोगों की शिकायत पर इन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इस मामले में नवाबगंज इलाके के सिकंदरपुर गांव की कांग्रेस जिलाध्यक्ष शकुंतला देवी ने व्हाट्सएप हैकिंग की शिकायत दर्ज कराई थी।

गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वो एक वॉट्सऐप अकाउंट को हैक करने के बदले में 6 रुपये देते थे। दिनभर में जितने अकाउंट हैक, उतनी ही कमाई। बाद में ये रकम बढ़ा भी दी जाती थी। वॉट्सऐप अकाउंट को 24 घंटे तक के लिए हैक किया जाता था। फर्रुखाबाद के एसपी आलोक कुमार प्रियदर्शी ने बताया कि कांग्रेस जिलाध्यक्ष और जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट के संचालक मनोज कुमार का व्हाट्सएप अकाउंट हैक कर उनकी पर्सनल जानकारी लीक होने की शिकायत के आधार पर ये कार्रवाई की गई।

पुलिस की तफ्तीश में सोना जानकीपुर के कुछ लोगों के नाम सामने आए। इसके बाद पुलिस ने जाल बिछाते हुए सोना जानकीपुर से रितेश और पांच नाबालिगों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि वे अमेरिका की एक वेबसाइट ‘वाहो’ के लिए काम करते थे। इस वेबसाइट पर एक व्यक्ति के व्हाट्सएप अकाउंट को 24 घंटे के लिए हैक करने पर उन्हें छह रुपये प्रतिदिन मिलते थे। पैसे के लालच में गैंग के सदस्य गांव के लोगों से कुछ देर के लिए उनके मोबाइल फोन मांगते थे और उनका व्हाट्सएप अकाउंट हैक करके जानकारी उस वेबसाइट पर भेज देते थे।

ये लोग पिछले कई महीनों से ऐसा कर रहे थे। एसपी प्रियदर्शी ने बताया कि इस मामले में गैंग के के बाकी सदस्यों की तलाश जारी है। इसके साथ ही पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि वेबसाइट कंपनी के खिलाफ क्या कार्रवाई की जा सकती है। पुलिस ने लोगों को सचेत करते हुए बताया कि वॉट्सऐप पर बेहद निजी मेसेज और दूसरी जानकारी को लेकर सचेत रहना चाहिए। लोग अपना मोबाइल फोन और सोशल मीडिया अकाउंट किसी अजनबी को न दें। इसके साथ ही उन्हें अपने मोबाइल फोन में मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करना चाहिए और समय-समय पर अपना पासवर्ड बदलते रहना चाहिए।

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