लखनऊ: हजरतगंज इलाके में रहने वाली म्यूजिक टीचर उर्तनसान जम्बा के मोबाइल पर 20 अगस्त को एक कॉल आई। एसबीआईकर्मी बताकर उसने कहा कि आपके क्रेडिट कार्ड का बिल ओवरड्यू हो गया है। उसके बाद दूसरे शख्स ने कॉल किया और कहा कि दो घंटे में बिल जमा न होने पर खाता फ्रीज होने की बात बताई। उसके बाद विडियो कॉल पर दो पुलिस अफसर आ गए। उनके पीछे हैदराबाद पुलिस का लोगो लगा था। दोनों ने पीड़िता को डपटा और कहा कि ईमानदारी से कैमरे के सामने बैठ जाओ, हिलना मत यहां से, वरना जेल भेज देंगे।
उन दोनों ने मुकदमा चलाने की बात कही। नरेश गोयल केस का हवाला देकर मनी लॉन्ड्रिंग में उनकी संलिप्तता बताई। उनका आधार कार्ड लिया और एक फर्जी एग्रीमेंट उन्हें वॉट्सऐप किया। डरा धमकाकर दो खातों में 49 हजार और 65 हजार रुपये ट्रांसफर करवा लिए। उसके बाद सिक्यॉरिटी मनी के रूप में 50 हजार रुपये और मांगे, तब पीड़िता को लगा कि वह ठगों के जाल में फंस गई हैं।
गोमतीनगर निवासी रूबी के मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से कॉल आई। ट्रू कॉलर पर उसका नाम मदन पाल दिख रहा था। उसने कहा कि आपके पति ने 12 हजार रुपये आपके खाते में भेजने के लिए कहा है। इसी बहाने उसने पीड़िता के अकाउंट की डिटेल ले ली। कुछ देर बाद पीड़िता के मोबाइल पर मेसेज आया कि उनके खाते से कई बार में 76 हजार रुपये ट्रांसफर कर लिए गए। तब उन्हें ठगी का अहसास हुआ। दरअसल, जालसाज ने अकाउंट की डिटेल लेकर पीड़िता के मोबाइल का एक्सेस ले लिया और उनके खाते में सेंध लगा दी थी।
पीड़िता के पास अगर बैंककर्मी बनकर क्रेडिट कार्ड ओवरड्यू होने की कॉल आई तो उन्हें कॉल करने वालों पर भरोसा करने के बजाए बैंक से संपर्क करना चाहिए था। पुलिस कभी विडियो कॉल कर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू नहीं करती है। ऐसी कॉल आई तो संबंधित थाने में कॉल करना चाहिए था या तुरंत यूपी-112 पर कॉल कर मदद ले सकती थीं।