फतेहपुर-जिले में दशकों से 41 गैर मान्यता मदरसे संचालित हैं। वहीं, 16 मदरसों में सिर्फ उर्दू, अरबी और कुरान की शिक्षा दी जा रही है, जबकि शासनादेश में सभी विषयों को पढ़ाना है। एक साल पहले सभी गैर पंजीकृत मदरसों का सत्यापन हो चुका है। गुरुवार को मुख्य सचिव के आदेश के बाद सभी गैर मान्यता प्राप्त मदरसे बंद होंगे।उन्होंने कहा कि इन मदरसों में पढ़ रहे छात्रों को सरकारी स्कूलों में दाखिला दिलाया जाएगा। इसे लेकर डीएम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय टीम गठित करने का आदेश दिया गया है। आदेश में यह भी कहा गया है कि ऐसे मदरसे, जो मानकों के आधार पर यूपी बोर्ड, सीबीएसई समेत अन्य बोर्ड की अर्हता रखते हैं, तो वह मान्यता लेकर विद्यालय संचालित कर सकते हैं।ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे अधिक गैर पंजीकृत मदरसे संचालित हैं। शहर से लगे ग्रामीण क्षेत्र तुराब अली का पुरवा, बहरामपुर, मसवानी, शहर के आजाद नगर, गांव हसवां, मंझूपुर, सरायं खरगू, चखेड़ी, ललौली, गाजीपुर, खखरेरू, मंगरेमऊ, बिंदकी क्षेत्र के गांव दलेलखेड़ा, जाफरगंज, प्रतापपुर, कोरवां, आलमगंज, गौरी, जिगनी सहित कई इलाकों में गैर पंजीकृत मदरसों का संचालन हो रहा है। जिले के छह मदरसों को सरकार से अनुदान मिलता है और वहां पर शासन स्तर पर शिक्षकों की नियुक्ति है। इन मदरसों के संचालन को रोकने के हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई है। यह मदरसे बिना रुकावट संचालित होते रहेंगे।