मेहंदी से पहले मौत की दिल दहला देने वाली कहानी

 

नई दिल्ली: यूपी के मेरठ का गंगानगर इलाका। इसी इलाके के मकान नंबर 402 में रहने वाले टैक्स एडवोकेट मनोज शर्मा के घर में उस दिन अलग ही रौनक थी। ठीक 17 दिन बाद बड़ी बेटी दर्शिता की शादी होने वाली थी और पूरा परिवार तैयारियों में जुटा था। खुशी के इन्हीं पलों के बीच अचानक दरवाजे को धकेलता हुआ एक शख्स घर के भीतर दाखिल हुआ। कमरे में कदम रखते ही उसने पिस्टल से दर्शिता के ऊपर फायर किया। गोली सीधे दर्शिता के सिर में जाकर लगी। वारदात को अपनी आंखों से देख रहे पड़ोस के बच्चे ने हिम्मत जुटाई और बाहर जाकर शोर मचा दिया।

आसपास के लोग दौड़े और  हॉस्पिटल ले जाया गया। लेकिन तब तक, काफी देर हो चुकी थी। दर्शिता ने हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया। दर्शिता का जान लेने वाला उसी का पड़ोसी युवक दीपक गुर्जर था। मौके पर पहुंची पुलिस ने दीपक को उसी के घर से गिरफ्तार कर लिया।  दीपक से पूछताछ हुई तो पूरी कहानी खुलकर सामने आ गई। मनोज शर्मा की बेटी दर्शिता उन दिनों मेरठ के एनएएस कॉलेज से एलएलएम की पढ़ाई कर रही थी। पिता टैक्स एडवोकेट थे और दर्शिता का सपना था कि वो भी अपने पापा की तरह वकालत में नाम कमाए।

लेकिन इसी बीच, पड़ोस में रहने वाला दीपक मन ही मन दर्शिता को पसंद करने लगा। उसने कई बार कॉलेज से लौटते वक्त दर्शिता का रास्ता भी रोका। हालांकि, दर्शिता ने उससे साफ-साफ कह दिया कि वो उसे केवल एक दोस्त की नजर से देखती है। लेकिन, दीपक नहीं रुका। दीपक जब दर्शिता को ज्यादा परेशान करने लगा तो उसने अपने परिवार को सारी बात बताई। दर्शिता के पिता ने मोहल्ले के लोगों की पंचायत बुलाई और दीपक की करतूत के बारे में बताया।

पंचायत में दीपक ने खुले तौर पर धमकी दी कि अगर दर्शिता उसकी नहीं हुई तो वो उसे जान से मार देगा। इसके बाद मनोज शर्मा ने पुलिस में शिकायत की, लेकिन उनकी शिकायत पर कोई एक्शन नहीं लिया गया। दीपक के पिता और बहन पुलिस विभाग में थे और शायद यही वजह रही कि दर्शिता के पिता की गुहार पर कार्रवाई नहीं हुई। इस बीच दर्शिता का रिश्ता तय हो गया और शादी के लिए 18 अप्रैल 2019 का दिन चुना गया। पूरा परिवार शादी की तैयारियों में जुट गया

इधर दीपक ने जब दर्शिता की शादी के बारे में सुना तो उसे खत्म करने की योजना बनाने लगा। 1 अप्रैल को दीपक अपने एक हाथ में पिस्टल और दूसरे हाथ में खुखरी लेकर दर्शिता के घर पहुंचा और उसपर गोली चला दी। बचाव में आई दर्शिता की छोटी बहन गुणिता को भी उसने नहीं बख्शा और उसके ऊपर भी फायर किया। इस मामले में पांच साल से ज्यादा समय तक सुनवाई चली और 2 सितंबर 2024 को अदालत ने दीपक को दर्शिता की हत्या का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने उसके ऊपर 1 लाख 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।

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