मदरसे में मौलवी ने किया बच्चो का ब्रेनवाश

 

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की चर्चित मदरसा जामिया हबीबिया मस्जिदे आजम जाली नोट छाप जाने के मामले में जांच के दायरे में है। जांच के क्रम में मदरसा को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। इस मदरसे में छापेमारी के दौरान पुलिस टीमों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी कई किताबें मिली हैं। मदरसे के प्रिंसिपल मौलवी मोहम्मद तफसीरुल आरीफीन के कमरे में आरएसएस पर लिखी गई आपत्तिजनक किताबें और तस्वीरें मिलने के बाद मामला और गंभीर हो गया है। इन किताबों के जरिए मदरसा के बच्चों का ब्रेनवॉश किया जाता था।

मदरसे में बच्चों को हेट स्टडी कराई जाती थी। इसका खुलासा हुआ है। मदरसे में बच्चों को पढ़ाया जाता था कि RSS देश का सबसे बड़ा आतंकी संगठन है। खुफिया एजेंसियों ने इसे लेकर जांच तेज कर दी है। मदरसे में करीब 70 बच्चे पढ़ाई करते हैं। यहां बच्चों के रहने और खाने-पीने का भी इंतजाम है। इस मदरसे में हॉस्टल सुविधा भी उपलब्ध है। इस मदरसे में उत्तर प्रदेश के साथ-साथ बिहार, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल सहित 6 राज्यों के बच्चे पढ़ाई करने आते आते हैं। अब आरएसएस पर मिली किताबों को लेकर मदरसे की चर्चा शुरू हो गई है।

इस हत्याकांड ने पूरे इलाके में एक दहशत फैला दी थी। अब सवाल था कि आखिर दीपक ने ऐसा क्यों किया? दीपक से पूछताछ हुई तो पूरी कहानी खुलकर सामने आ गई। मनोज शर्मा की बेटी दर्शिता उन दिनों मेरठ के एनएएस कॉलेज से एलएलएम की पढ़ाई कर रही थी। पिता टैक्स एडवोकेट थे और दर्शिता का सपना था कि वो भी अपने पापा की तरह वकालत में नाम कमाए। लेकिन इसी बीच, पड़ोस में रहने वाला दीपक मन ही मन दर्शिता को पसंद करने लगा। उसने कई बार कॉलेज से लौटते वक्त दर्शिता का रास्ता भी रोका। हालांकि, दर्शिता ने उससे साफ-साफ कह दिया कि वो उसे केवल एक दोस्त की नजर से देखती है। लेकिन, दीपक नहीं रुका।

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