नई दिल्ली: यूपी के मुरादाबाद का मझोला इलाका। यहां गागन नाम के मोहल्ले में अचानक एक घर के बाहर शोर सुनाई देता है। आधी रात के वक्त शोर सुनकर आसपास के घरों की लाइटें भी जल उठती हैं। लोग उस घर के बाहर पहुंचते हैं तो पता चलता कि अंदर एक महिला की लाश पड़ी है। भीड़ के बीच अभी सुगबुगाहट हो ही रही थी कि तभी सायरन बजाती हुई पुलिस की गाड़ी भी मौके पर पहुंच जाती है। कमरे का दरवाजा तोड़कर पुलिस अंदर दाखिल होती है और लाश का पंचनामा कर उसे पोस्टमार्टम के लिए भिजवा देती है।
शुरुआती जांच से अंदाजा हो जाता है कि महिला को गला घोंटकर मारा गया है। अब सवाल उठता है कि आखिर उसकी हत्या किसने और क्यों की? पुलिस पूछताछ शुरू करती है तो पता चलता है कि महिला का नाम साक्षी चौहान है। साक्षी इस घर में अपने पति अंकुर चौहान और 7 साल की बेटी के साथ किराए पर रहती थी। पुलिस अब उसके पति के बारे में पूछती है तो मकान मालिक बताता है कि आज सुबह तक अंकुर घर पर ही था। लेकिन, इसके बाद से उसकी कोई खबर नहीं है। पुलिस छानबीन शुरू करती है और एक दिन बाद ही साक्षी के पति अंकुर को गिरफ्तार कर लिया जाता है।
अंकुर से थाने में पूछताछ होती है, तो 9 साल के एक ऐसे रिश्ते की कहानी खुलकर सामने आती है, जिसमें पति-पत्नी के बीच पैदा हुए एक शक ने सबकुछ तबाह कर डाला। इस कहानी की शुरुआत होती है साल 2015 से, जब ठाकुरद्वारा के सुरजन नगर इलाके में रहने वाली सबिहा की अपने घर से कुछ ही दूरी पर रहने वाले अंकुर से मुलाकात हुई। दोनों ने एक-दूसरे को पसंद किया और साथ जीने-मरने की कसमें खा लीं। सबिहा और अंकुर के इश्क के चर्चे मोहल्ले की गलियों से होते हुए उनके घर तक भी पहुंचे। दोनों अलग-अलग धर्म से थे, इसलिए परिवारों ने इस रिश्ते को अपनाने से इनकार कर दिया।
लेकिन, सबिहा और अंकुर काफी आगे बढ़ चुके थे। दोनों ने फैसला किया कि परिवार साथ दे या ना दे, वो अलग नहीं होंगे। मौका देखकर एक दिन सबिहा और अंकुर ने घर से भागकर शादी कर ली। अंकुर के प्यार में सबिहा ने अपना धर्म और घर-परिवार छोड़ दिया। उसने अपना नाम सबिहा से बदलकर साक्षी चौहान रखा और अंकुर के साथ गागन मोहल्ले में किराए का कमरा लेकर रहने लगी। वक्त बीता और करीब दो साल बाद साक्षी ने एक बेटी को जन्म दिया। दोनों की जिंदगी में सबकुछ ठीक चल रहा था कि अचानक शादी के 7 साल बाद अंकुर का काम-धंधा बंद हो गया।
जब दोनों के सामने पैसे की तंगी आई तो साक्षी ने एक फैक्ट्री में काम करना शुरू कर दिया। साक्षी के काम करने से घर की आर्थिक दिक्कतें तो दूर हो गईं, लेकिन अंकुर के साथ उसके रिश्ते में खटास आने लगी। दरअसल, फैक्ट्री से साक्षी रात में करीब 7-8 बजे घर आती थी और ऐसे में वहां उसके साथ काम करने वाला कोई ना कोई कर्मचारी उसे अपनी बाइक से घर छोड़ देता था। अंकुर को ये पसंद नहीं था। उसके मन में शक बैठ गया कि साक्षी का फैक्ट्री में अफेयर चल रहा है। इस बात को लेकर शुरुआत में दोनों के बीच बहस हुई और इसके बाद अक्सर झगड़े होने लगे।
शनिवार की सुबह मकान मालिक किसी काम से बाहर गया और जाने से पहले अंकुर से भी मिला। रात में साक्षी जब फैक्ट्री से घर लौटी तो अंकुर ने उसके साथ फिर से झगड़ा किया। दोनों के बीच झगड़ा इस हद तक बढ़ा कि गुस्से में आकर अंकुर ने साक्षी का गला घोंट दिया। इसके बाद उसने अपनी बेटी को साथ लिया और घर से निकल गया। पुलिस ने अंकुर के ऊपर साक्षी की हत्या का केस दर्ज कर उसे जेल भेज दिया है। वहीं मोहल्ले में चर्चा है कि जिस अंकुर के लिए साक्षी अपना सबकुछ छोड़ आई, उसी ने एक शक की वजह से उसकी सांसें छीन ली।