कर्नाटक के मंड्या में गणेश जुलूस के दौरान दो गुटों में झड़प हो गई। इस झड़प से पूरा इलाका तनावपूर्ण हो गया। दरअसल, यह झड़प गणेश विसर्जन के दौरान हुई। बदरीकोप्पलू से श्रद्धालु दो गणेश मूर्तियों को विसर्जन के लिए ले जा रहे थे। जैसे ही जुलूस एक धार्मिक स्थल पर पहुंचा, कुछ उपद्रवियों ने पथराव कर दिया, जिससे दोनों गुटों में कहासुनी हो गई। इस घटना के बाद, दोनों गुटों ने अपने-अपने धार्मिक नारे लगाने शुरू कर दिए। हालात इतने खराब हो गए कि उपद्रवियों ने पथराव के बाद कई दुकानों और कपड़ों के साथ-साथ बाइक के शोरूम को आग के हवाले कर दिया। इतना ही नहीं बेकाबू भीड़ ने सड़क पर खड़ी बाइकों को भी फूंक दिया। हालात को संभालने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
दरअसल, बदरिकोप्पलु गांव के युवक गणेश विसर्जन के लिए जुलूस निकाल रहे थे। जुलूस नागमंगला की मुख्य सड़क पर एक मस्जिद के पास से गुजरा। बताया जा रहा कि इस दौरान जुलूस पर पथराव हुआ। हालात बिगड़ गए और दोनों समुदायों के बीच झड़प होने लगीं। पुलिस ने जब लाठीचार्ज किया तो गुस्साए हिंदू समुदाय के लोगों ने थाने के सामने प्रदर्शन किया और जिम्मेदारों की गिरफ्तारी की मांग की। घटना के विरोध में विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल ने आज नागमंगला में बंद का आह्वान किया।
इस घटना के बाद मांडया के एसपी मल्लिकार्जुन बालादंडी ने कहा कि जब गणेश जुलूस मस्जिद के पास पहुंचा तो जुलूस को वहां से आगे बढ़ने में थोड़ा समय लग गया। इस पर दोनों समुदायों के बीच बहस शुरू हो गई। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया। लाठीचार्ज के बाद लोग पुलिस स्टेशन के सामने पहुंचे और विरोध-प्रदर्शन किया। दूसरे समुदाय के लोग भी बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गए और पथराव शुरू कर दिया। उन्होंने सड़क किनारे कुछ बाइक और दुकानों में आग भी लगा दी।
इलाके में हाई अलर्ट का एलान
केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने मांड्या जिले के नागमंगला में गणेश विसर्जन के दौरान हुई एक हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने बयान जारी करते हुए कहा कि वह इस घटना की घोर निंदा करते हैं, जो नागमंगला में गणेश विसर्जन के दौरान घटी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जिस तरह से एक समूह ने जानबूझकर भगवान गणपति की शोभायात्रा में शांतिपूर्वक चल रहे भक्तों को निशाना बनाते हुए पत्थर और चप्पल फेंके, पेट्रोल बम फोड़े और तलवारें लहराईं। यह शहर में शांति और व्यवस्था की असफलता का प्रमाण है। उन्होंने आगे कहा कि जब उस समुदाय के असामाजिक तत्व पुलिस स्टेशन के सामने सुरक्षा की मांग कर रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को उत्पीड़ित करते हैं, तो सवाल उठता है कि हम किस दिशा में जा रहे हैं। उन्होंने स्थानीय पुलिस की विफलता पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की।
भीड़ को शांत करने और तनाव कम करने के लिए पुलिस और राजस्व विभाग के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। एहतियात के तौर पर मौके पर पहुंचे तहसीलदार जी. आदर्श ने धारा 144 लागू कर दी। इसके तहत चार या उससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए मांड्या, बेलूर और बिंदीगनविले से अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया।