नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि वो दो दिन में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे। इसी के साथ उन्होंने दिल्ली में जल्द चुनाव कराने की भी मांग की है। उन्होंने रविवार को कहा कि मैंने देश के संविधान और गणतंत्र को बचाने के लिए इस्तीफा नहीं दिया था, लेकिन अब दो दिन में इस्तीफा दे दूंगा। मैं तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा, जब तक जनता अपना फैसला नहीं सुना देती।
अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए इस्तीफे का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि जनता के आशीर्वाद से बीजेपी के सारे षड्यंत्र का मुकाबला करने की ताकत रखते हैं। बीजेपी के आगे हम ना झुकेंगे ना रुकेंगे और ना बिकेंगे। आज दिल्ली के लिए कितना कुछ कर पाए क्योंकि हम ईमानदार हैं। आज ये हमारी इमानदारी से डरते हैं क्योंकि ये ईमानदार नहीं है। मैं ‘पैसे से सत्ता और सत्ता से पैसा’ इस खेल का हिस्सा बन नहीं आया था। दो दिन बाद मैं सीएम पद से इस्तीफा दूंगा।
कानून की अदालत से मुझे इंसाफ मिला, अब जनता की अदालत मुझे इंसाफ देगी। सीएम केजरीवाल ने कहा कि मैं तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा, जब तक जनता अपना फैसला नहीं सुना देती। आज से कुछ महीने बाद दिल्ली के चुनाव है, अगर आपको लगता है कि केजरीवाल ईमानदार है, तो आने वाले चुनाव में मेरे पक्ष में वोट दे देना। आपका एक एक वोट मेरी ईमानदारी का सर्टिफिकेट होगा।
इन्होंने आरोप लगाया है कि केजरीवाल चोर है, मैं सत्ता का खेल खेलने के लिए नहीं आया था, देश के लिए कुछ करने आया था। जब 14 साल बाद भगवान राम वनवास से लौटे, सीता मैया को अग्निपरीक्षा देनी पड़ी थी। आज मैं जेल से आया हूं और अग्निपरीक्षा देने के लिए तैयार हूं। ये कुछ लोग बोल रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने कुछ कंडीशंस लगाई हैं, काम नहीं कर पाएंगे। पिछले 10 साल में इन्होंने कंडीशन लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। फरवरी में चुनाव है, आज इस मंच से मैं मांग करता हूं कि ये चुनाव महाराष्ट्र के साथ नवंबर में कराए जाएं।
केजरीवाल ने कहा, ‘मैं देश के सारे नॉन बीजेपी मुख्यमंत्रियों से हाथ जोड़कर अपील करता हूं, अगर प्रधानमंत्री आप पर फर्जी केस करके आपको जेल में डाले, तो किसी भी हालत में इस्तीफा मत देना, हमारे लिए पद नहीं, देश संविधान और जनतंत्र जरूरी है। इतने भारी बहुमत से जीती हुई सरकार, आप जेल में डालकर कहोगे कि इस्तीफ दें, इनका ये नया फार्मूला भी आम आदमी पार्टी ने फेल कर दिया है।’