ब्यूरो मुन्ना बक्श न्यूज़ वाणी बांदा।जन सूचना अधिकार अधिनियम से बेपर्दा होंगी देवरार ग्राम प्रधान सुशील कुमार की काली करतूतें। इसी गांव के निवासी मुकेश सिंह ने पंचायत राज विभाग के जन सूचना अधिकारी को जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत आवेदन भेजकर दर्जन भर बिन्दुओं पर सूचनाएं मांगी हैं। इसकी जानकारी होने पर अधाधुंध भ्रष्टाचार के लिए बहुचर्चित कथित भ्रष्ट प्रधान के होश फाख्ता हो गए हैं और वह अपने बचाव के लिए एंडी चोटी का जोर लगाने में मशगूल हो गया है।
उल्लेखनीय है कि जिले के महुआ विकास खण्ड की ग्राम पंचायत देवरार के प्रधान सुशील कुमार पर आरोप लग रहे हैं कि वह निरंकुश होकर विकास कार्यों की विभिन्न योजनाओं के बजट में घोर धांधली करते हुए लाखों रुपयों की हेराफेरी कर रहा है। आरोप यह भी हैं कि ग्रामीणों की शिकायतों पर सक्षम अधिकारियों द्वारा न तो भ्रष्टाचार की जांच कराई जा रही है और न ही प्रधान के विरुद्ध कोई दण्डनीय कार्यवाही अमल में लाई जा रही है, नतीजतन ग्रामवासियों में गहरा आक्रोश व्याप्त है और वह आन्दोलन की राह पकड़ने को मजबूर हो रहे हैं। गौरतलब है कि देवरार के एक जागरूक ग्रामवासी मुकेश सिंह ने जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत भेजे गए अपने आवेदन में 01-01- 2021 से 20-09-2024 के बीच इस ग्राम पंचायत को आवंटित की गई सम्पूर्ण सरकारी धनराशि का ब्यौरा मांगा है, साथ ही दो दर्जन बिन्दुओं का उल्लेख करके खर्च की गई धनराशि का प्रमाणित तौर से विवरण मांगा है। इतना ही नहीं, ग्राम प्रधान सुशील कुमार की सम्पूर्ण सम्पत्ति का ब्यौरा भी मांगा गया है। इसी क्रम में ग्रामीणों का कहना है कि अब देखना यह है कि जवाबदेह अधिकारी जनहित में कितनी ईमानदारी से अपने दायित्वों का निर्वाह कर ते हैं और देवरार ग्राम पंचायत के कथित भ्रष्ट ग्राम प्रधान को जेल के सीखचों में बन्द कराने व उसे बर्खास्त करके पदच्युत करने की कार्रवाई समय गंवाए बिना करते हैं ताकि तमाम ग्राम पंचायतों को खोखला करने वाले अन्य ग्राम प्रधानों को भी सबक मिल सके!