हरियाणा/हिसार (गरिमा) : यदि जिंदल हाउस या माता सोनिया जिंदल कार्ड तो बिना नेताओं के भी सुधार किया जा सकता है, जिससे जनता को राहत मिल सकती है, लेकिन सेवा और सुधार का काम केवल किया जा रहा है। असल में जिंदल परिवार सत्य के माध्यम से भी सिर्फ अपने व्यापार को ही बढ़ाता है। यह बात कांग्रेस नेता मनोज राठी ने कांग्रेस कमेटी रामनिवास राठा के हित के लिए सद्भावना का संकल्प पत्र जारी करने के अवसर पर समर्थकों को आदर्श बनाते हुए कही। मनोज राठी ने कहा कि भारत की सबसे अमीर महिला और वार्ताकार माता सावित्री की उम्र अब सर्विस करने की नहीं बल्कि सर्विस सजावट की है। सेवा परिवार का भी एकमात्र उद्देश्य दिखाया गया है, जैसा कि पहले जिंदल द्वारा खोले गए अस्पताल और स्कूल के नाम पर रखा जा रहा है। राठी ने कहा कि माता सोनिया जिंदल क्या बता सकती हैं कि उनके स्कूल में कितने गरीब बच्चों को आज तक शिक्षा दी गई या वर्तमान में कितने गरीब बच्चे पढ़ रहे हैं। वे कहते हैं कि जिंदल अस्पताल में इतना महंगा इलाज करके वे किससे गरीबों की सेवा कर रहे हैं। कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि स्व. जिंदल के समय तक निश्चित रूप से कुछ सेवा कार्य होते थे, लेकिन अब तो सेवा के नाम पर शहर की प्रधान मंत्री पद के भवन में अपना नाम रखने का खेल चल रहा है। सेवा असंबद्धता का दिखावा कर इन्होनें क्वेश्चन में निजी संपत्ति के रूप में विकसित किया गया है।
मनोज राठी ने कहा कि भारत की सबसे अमीर महिला भी जनता की सेवा के लिए नेता बनने का इंतजार कर रही है तो यह बात कम हजम होती है। अगर जिंदल परिवार बेकार है तो अपनी आय का केवल 5-7 प्रतिशत खर्च बढ़ाकर शहर को सच में पेरिस बना सकते हैं। जिंदल उद्योग को बढ़ाने के लिए देश-विदेश में रखी जा रही तैयारियों में से अगर कुछ भी एक जिले में लगाया जाए, जिसमें केवल स्थानीय लोगों को कर्मचारियों के रूप में भर्ती किया जाए तो क्षेत्र के युवाओं की रोजगार की समस्या का बहुत हद तक समाधान हो सकता है। लेकिन जिंदल परिवार को बढ़ावा देने की जगह सिर्फ मिस्र की कुर्सी के पीछे छुपी पावर दिखाई दे रही है जिससे दम पर अपने व्यापार को और बढ़ावा देने में मदद मिल सके।