भद्रक में इंटरनेट बंद, सोशल मीडिया पोस्ट से भड़की हिंसा

 

ओडिशा के भद्रक जिले में शनिवार को प्रशासन ने 48 घंटे के लिए इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सर्विस पर बैन लगा दिया। दरअसल, एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर एक समुदाय प्रदर्शन कर रहा था। आरोपी के खिलाफ कार्रवाई में देरी से नाराज एक समुदाय के लोगों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके बाद प्रशासन ने 30 सितंबर सुबह दो बजे तक भद्रक जिले में इंटरनेट सेवा पर बैन लगा दिया। प्रदर्शन कर रहे लोगों का आरोप है कि एक युवक ने समुदाय विशेष के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।

शिकायत के बाद भी प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की। विरोध में लोगों ने एक रैली निकाली। पुलिस ने इसे रोका तो उन पर भीड़ ने पथराव किया और तहसीलदार के वाहन में तोड़फोड़ की। इसमें एक DSP समेत दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। संथिया इलाके में दो समुदाय भिड़े पुलिस ने बताया कि सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर 27 सितंबर को दोनों समुदायों के बीच हिंसक झड़प हुई। बाद में हिंसा जिले के धामनगर इलाके में फैल गई।

इस बीच, जिला प्रशासन ने शुक्रवार को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुरुना बाजार और धामनगर थाना क्षेत्र में बीएनएसएस की धारा 163 के तहत भीड़ इकट्ठा होने पर पाबंदी लगा दी। 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया भद्रक के DIG सत्यजीत नाइक ने बताया कि 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और इलाके में BNSS की धारा 163 लगा दी गई है। पथराव करने वालों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।

जिला प्रशासन ने कहा कि वॉट्सऐप, फेसबुक, एक्स और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म सांप्रदायिक तनाव को भड़काने में सहायक हो सकते हैं। इसलिए इंटरनेट पर 48 घंटे के लिए प्रतिबंध लगाया गया है। 600 लोगों ने प्रदर्शन किया पुलिस ने बताया कि 600 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों ने कचहरी बाजार और पुरुना बाजार को जोड़ने वाले संथिया पुल को जाम कर दिया। जिसके चलते पुरुना बाजार और धामनगर में कम से कम 14 प्लाटून (एक प्लाटून में 30 जवान होते हैं) पुलिस बल तैनात किया गया है।

19 सितंबर को भी जिले में हिंसा भड़की थी 19 सितंबर को भद्रक जिले में दो गुटों के बीच हुई झड़प में कम से कम चार लोग घायल हो गए थे। घटना के बाद प्रशासन ने हिंसा प्रभावित इलाके में धारा 163 लागू कर दी। उन्होंने बताया कि धुसुरी थाना क्षेत्र के गोदीपोखरी गांव में एक समुदाय का धार्मिक झंडा फाड़ दिए जाने के बाद विवाद शुरू हुआ था।

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