दिल्ली के अस्पताल में घुसकर डॉक्टर की हत्या करने के मामले में दिल्ली पुलिस ने कई खुलासे किए हैं। पुलिस ने बताया कि वारदात को अंजाम देने वाले नाबालिग थे, जिनकी उम्र 16-17 साल बताई जा रही है। हमलावरों ने एक दिन पहले भी इसी अस्पताल में इलाज कराया था। मामला दिल्ली के जैतपुर के नीमा अस्पताल (Nima Hospital) का है। यहां मरीज बनकर इलाज के बहाने अस्पताल में घुसे दो हमलावरों ने गोलियां बरसाकर डॉक्टर जावेद अख्तर को मौत के घाट उतार दिया। घटना के बाद वहां सनसनी मच गई है।
पुलिस के मुताबिक घटना देर रात करीब 1 बजे की है। रात लगभग 1:45 बजे पुलिस को मामले की सूचना मिली थीं। पड़ोसी ने फोन कर पुलिस को बताया कि अस्पताल में डॉक्टर की गोली मारी गई है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। यहां डॉक्टर अपनी कुर्सी पर थे और उनका सिर झुका हुआ था। उनके सिर से काफी खून बह रहा था। मामले को लेकर पुलिस ने बताया कि पूछताछ में पता चला कि अस्पताल के नर्सिंग होम में लगभग 16-17 साल की उम्र के दो लड़के आए थे। उनमें से एक ने अपने घायल पैर की ड्रेसिंग बदलने के लिए कहा। इस लड़के की ड्रेसिंग भी पिछली रात उसी अस्पताल में की गई थी।
पुलिस के मुताबिक मोहम्मद कामिल द्वारा ड्रेसिंग के बाद दोनों दवा के पर्चे के लिए यूनानी चिकित्सक (BUMS) जावेद अख्तर के केबिन में गए। कुछ समय बाद रात के नर्सिंग स्टाफ ने वहां गोली चलने की आवाज सुनी। इसके बाद वह जावेद अख्तर के केबिन में गए, जहां उन्हें खून से लथपथ पाया, उनके सिर के बाईं ओर से खून बह रहा था। दिल्ली पुलिस के अनुसार मामला प्रथम दृष्टया यह टारगेट किलिंग का मामला लगता है क्योंकि यह बिना उकसावे के किया गया है और हमलावरों ने पिछली रात रेकी की थी।