जली लाश, कटे हाथ-पैर और फंसे नेता, आखिर क्या है इस हत्याकांड का राज़

 

वाराणसी में 18 साल के नितेश मौर्या की मौत की गुत्थी सुलझने के बजाय उलझती जा रही है.  वाराणसी जिले के शिवपुर थाना क्षेत्र में बीते महीने की 20 सितंबर को 18 साल के नितेश मौर्या की क्षत-विक्षत और पूरी तरह से जली हुई डेडबॉडी बरामद हुई थी. डेडबॉडी के हाथ-पैर कटे हुए थे. गले पर चोट का निशान था और शरीर पूरी तरह से जला हुआ था. पुलिस ने लाश को बरामद करने की बाद उसकी पहचान की और इसकी जानकारी नितेश मौर्या के परिजनों को दी.

नितेश के शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद पुलिस घरवालों को बताया कि ये आत्महत्या का मामला है, क्योकि नितेश पेट्रोल खरीदते हुए CCTV में कैद हुआ था. हालांकि परिवार वालों ने पुलिस की थ्योरी का विरोध किया. नितेश के बड़े भाई अनिल ने इसको लेकर शिवपुर थाने में तहरीर दी. शिवपुर पुलिस ने मामले में दांदूपुर के ही संजय गौड़, सुनील गौड़, संदीप गौड़, अनिल गौड़, प्रद्युम्न गौड़ पर हत्या और शव छिपाने के प्रयास में केस दर्ज कर उनको गिरफ्तार कर लिया.

वहीं नितेश के परिवार वालों का कहना है कि इस पूरे मामले का सूत्रधार बीजेपी नेता और वार्ड नंबर-20 का पार्षद अभय प्रजापति है. पुलिस ने उसके ख़िलाफ कुछ नहीं किया. इस मामले में पुलिस पर ऊपर से दबाव है. बड़े भाई अनिल ने कहा कि नितेश की हत्या को पुलिस आत्महत्या बता रही है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी हम लोगों को पुलिस ने 12 दिन के बाद दी. हम लोगों को अब पुलिस की कार्रवाई पर कोई भरोसा नहीं है.

इस मामले की हम CBI जांच चाहते हैं. नितेश की बहन अनीता ने कहा कि नितेश को खोजते हुए पुलिस जब घर पहुंची थी, तभी उन्होंने कहा था कि तुम्हारा भाई अब कभी नहीं आएगा. पुलिस पर हम कैसे भरोसा कर लें? नितेश के भाई अनिल मौर्या ने बताया कि मामले की जड़ एक किशोर और किशोरी के भागने को लेकर है, जिसमें मेरे भाई नितेश को शामिल बताकर पहले मारा-पीटा गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई. पुलिस इस मामले में कुछ भी खुलकर नहीं कह रही है. पुलिस का कहना है कि प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का लग रहा है, लेकिन हमारी जांच अभी जारी है.

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