मुर्गी फार्म में 3 दलित बच्चों के साथ बर्बरता, आखिर क्यों मिली तालिबानी सजा

 

बहराइच में चोरी के शक में 3 दलित बच्चों को जमकर पीटा। सिर मुंडवाकर चेहरे पर कालिख पोत दी। सिर-चेहरे पर लिख दिया-चोर। हाथ बांधकर पूरे गांव में घुमाया। बच्चे हाथ जोड़ते रहे, छोड़ने की गुहार लगाते रहे, लेकिन आरोपी दबंगों ने उन्हें छोड़ा नहीं। न ही गांव के किसी व्यक्ति ने उन्हें बचाने की हिम्मत की। पूरा मामला कोतवाली नानपारा के ताजपुर टेडिया गांव का है। इस मामले में पुलिस ने 3 आरोपियों को अरेस्ट किया है। ताजपुर टेडिया गांव के रहने वाले नाजिम के फार्म हाउस से गंडासा और गेहूं चोरी हो गया था। उसने अपने दोस्त कासिम और इनायत को फार्म हाउस पर बुलाया। चोरी के शक में गांव के 3 बच्चों को जबरन उठाकर मुर्गी फार्म हाउस ले गए। उन्हें लात-घूसों से पीटा। फिर तीनों के हाथ रस्सी से बांध दिए। मुंह पर कालिख पोत दी। आधा सिर मुंडवा दिया। फिर पूरे गांव में घुमाया।

सूचना मिलते ही बच्चों के घर वाले पहुंच गए। हाथ जोड़कर बच्चों को दबंगों के चंगुल से छुड़ाया। बच्चों की उम्र 10 से 14 साल के बीच रही है। बच्चों के परिजनों का कहना है- बच्चों ने मुर्गी फार्म पर एक साल तक काम किया था। 5 दिन पहले ही काम छोड़ दिया था। इससे नाराज होकर संचालकों ने चोरी का झूठा आरोप लगाते हुए बच्चों के साथ घटना को अंजाम दिया। CO नानपारा प्रदुमन सिंह ने बताया- परिजनों की शिकायत पर SC-ST में मुकदमा दर्ज किया गया है। तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

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