आगरा में नाबालिग ने संत बनने के लिए घर छोड़ दिया। वह प्रेमानंद महाराज के वीडियो और रील देखकर इतना प्रभावित हुआ कि रात में उठकर मथुरा पहुंच गया। घरवालों ने उसे मोहल्ले और रिश्तेदारी में ढूंढा नहीं मिला तो पुलिस की सहायता ली। मामला कोतवाली थाना क्षेत्र का है। पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर नाबालिग को 48 घंटे के अंदर तलाश लिया। उसे सही-सलामत घरवालों को सौंप दिया। घरवालों ने बताया कि बच्चे की उम्र 16 साल है। जो 10वीं पढ़ाई कर रहा है। वह दिनभर मोबाइल देखता रहता है। हम लोगों ने इस पर ध्यान नहीं दिया कि वह क्या देख रहा है। अच्छे प्रवचन सुनने के लिए वो धार्मिक चीजों में रुचि लेने लगा। सुबह से शाम तक सिर्फ प्रेमानंद महाराज के वीडियो देखता था।
इसका उस पर इतना असर पड़ा कि उसने संत बनने की ठान ली। 9 अक्टूबर को सुबह 4 बजे बिना किसी को कुछ बताए घर छोड़ दिया। मथुरा पहुंच गया, वहां प्रेमानंद महाराज से दो बार मुलाकात भी की। उसको लगाता फोन किया जा रहा था, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। इस पर घरवाले पुलिस के पास पहुंचे। पुलिस को उसके मोबाइल की लोकेशन मथुरा में मिली। परिजनों को लेकर पुलिस टीम शुक्रवार दोपहर मथुरा के लिए रवाना हुई। प्रेमानंद महाराज के आश्रम से उसको खोज निकाला। बेटे को देखते ही मां ने गले लगा लिया।
नाबालिग का कहना है कि वो मथुरा में प्रेमानंद महाराज से दीक्षा लेने गया था। वहां रहकर वह राधा रानी की सेवा करना चाहता था। थाने में भी बैठकर प्रेमानंद महाराज के ही वीडियो देख रहा था। पुलिस ने CCTV भी खंगाले नाबालिग के परिजन उसके गायब होने पर काफी परेशान हो गए। उन्होंने नाबालिग को हर तरफ तलाशने के बाद गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस उसे तलाशने में जुट गई। CCTV और सर्विलांस की मदद से बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर भी तलाशा। इसके बाद पुलिस ने सही सलामत बरामद कर लिया। परिजनों के सुपुर्द कर दिया। घरवालों ने कोतवाली इंस्पेक्टर धर्मेद्र सिंह और उनकी टीम का सम्मान किया। परिजनों का कहना था हमारे बच्चे को 48 घंटे में पुलिस ने ढूंढ़ दिया। यह हमारा थैंक्यू करने का तरीका है।