लखनऊ. उत्तर प्रदेश के बहराइच में हिंसा के दौरान युवक रामगोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या के मामले में अब सियासी बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है. समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल की तरफ से के वीडियो शेयर कर दावा किया गया है कि मृतक रामगोपाल मिश्रा ने मुस्लिम घर में घुसकर वहां लगे झंडे को गिराकर भगवा झंडा फहराया गया, जिसकी वजह से बवाल बढ़ा. हालांकि समाजवादी पार्टी की तरफ से शेयर किए गए वीडियो पर बीजेपी विधायक शलभमणि त्रिपाठी की तरफ से पलटवार करते हुए कहा गया कि पहले इसी घर से मां दुर्गा की प्रतिमा पर पत्थर फेंके गए थे.
दरअसल, समाजवादी पार्टी की तरफ से वीडियो शेयर कर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक लंबा चौड़ा पोस्ट शेयर कर प्रदेश सरकार पर रामगोपाल को दंगाई बनाने का आरोप लगाया गया. जिसके बाद यूजर्स की भी तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली. सपा की तरफ से लिखा गया, “बहराइच में जिस गोपाल को गोली लगी है उसका मृत्यु पूर्व वीडियो देखिए. गोपाल एक मुस्लिम घर में जबरन घुसा, वहां से हरा झंडा उतारा,फेंका और जबरन भगवा झंडा लहराया. अब इस मासूम गोपाल के मन में ये करने का जहर किसने भरा? कौन इस साजिश में शामिल है ये समझना कठिन नहीं है.
इस सबमें भाजपा और भाजपा के सत्तालोभी नेता शामिल हैं जो अगले चुनाव तक यूपी के माहौल को दंगा फसाद में झोंककर चुनाव जीतना चाहते हैं,अंततः एक मासूम से दंगाई बने गोपाल ने भाजपाई सियासत के चक्कर में अपनी जान गंवा दी. बहराइच का मामला पूरी तरह से इंटेलिजेंस फेल्योर, पुलिस फेल्योर, भाजपाई साजिश और भाजपाई सत्तालोभी कुकृत्य का परिणाम है जिसमें आम मासूम नौजवान शिकार बन रहे, माहौल खराब हो रहा और जानें जा रहीं.
इस मामले को हिंदू मुस्लिम चश्मे से देखने के बजाय भाजपाई सत्ता लोभी साजिश के एंगल से देखेंगे तभी सत्य दिखेगा.” समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल की तरफ से शेयर किये गए इस पोस्ट पर बीजेपी विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने पलटवार करते हुए लिखा, “ये तब हुआ जब इसी घर से मां दुर्गा की प्रतिमा पर पथराव कर उसे अपवित्र करने और खंडित करने का प्रयास किया गया. मां के भक्तों पर कातिलाना हमला हुआ. उसके बाद इसी घर में रखे हथियार से गोली मारकर रामगोपाल की हत्या की गई. एकतरफा वीडियो बनाकर हत्यारों को कोई नहीं बचा पाएगा. ऐसी कार्रवाई होगी की इनकी पीढ़ियां याद रखेंगी.”