जयपुरिया हॉस्पिटल में अधीक्षक महेश मंगल का ड्राइवर इमरजेंसी में मरीजों के इंजेक्शन लगा रहा है। वह वार्ड में राउंड भी लेता है और मरीजों को दवाइयां भी बताता है। ड्राइवर नाहर सिंह का वीडियो भी सामने आया है। वीडियो 20 दिन पुराना इमरजेंसी का है। वीडियो में ड्राइवर मरीज के इंजेक्शन लगाता हुआ दिख रहा है।
अधीक्षक डॉक्टर महेश मंगल का कहना है कि यह मामला अगर सच है तो बड़ा ही गंभीर है। मैं इस मामले की जांच करवाता हूं। इसके बाद नियमानुसार कार्रवाई करेंगे। ड्राइवर की इस हरकत से हॉस्पिटल के डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ भी परेशान है। सुपरिटेंडेंट का ड्राइवर होने की वजह से नाहर सिंह को कोई टोकने तक की हिम्मत नहीं करता है।
एक स्टाफ ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया, पिछले कुछ समय से ड्राइवर वार्ड में आता है और राउंड लगाता है। इस दौरान वह कुछ मरीजों से बातचीत करता है, उनको इंजेक्शन लगाने के साथ ड्रिप बदलने का भी काम करता है। इसी तरह वह इमरजेंसी में भी आकर वहां भर्ती या दिखाने आए मरीजों को इंजेक्शन-दवाइयां देता है। इस मामले में स्टाफ की उसे टोकने की हिम्मत नहीं होती, क्योंकि वह अधीक्षक का ड्राइवर है। एक महीना पहले देर रात वार्ड में ड्राइवर का स्टाफ और सुरक्षा गार्ड से विवाद भी हुआ था।
इसके बाद भी उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। स्टाफ के लोगों ने बताया कि अनजान मरीज ड्राइवर की बातों में आकर उसकी बताई दवाइयां बाजार से लेकर उपयोग में ले लेते हैं, जिससे उनकी जान का भी खतरा है। ड्राइवर कई भर्ती मरीजों (जो दूसरे राज्य के होते हैं) से बातचीत के दौरान उनको निजी हॉस्पिटल में रेफर होने के लिए काउंसिलिंग करता है। वह कई बार यहां से मरीजों को सरकारी एंबुलेंस से प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती करवा चुका है। ये रात में सरकारी एंबुलेंस चलाता है, जबकि दिन में अधीक्षक की गाड़ी।