पिछले विधायकों ने 20 वर्ष में राम रमी के अलावा आदमपुर में कोई विकास नहीं किया : चंद्र प्रकाश*

 

हरियाणा/हिसार (गरिमा) : प्रेस क्लब हिसार द्वारा निजी होटल में आयोजित प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में सेवानिवृत्ति आईएएस अधिकारी व आदमपुर के नवनिर्वाचित विधायक चंद्रप्रकाश ने मुख्य अतिथि के रूप में अपने संबोधन में कहा कि उन्हें पहले दिन से ही विश्वास था कि वे 200 प्रतिशत आदमपुर विधानसभा हल्के से चुनाव जीतकर एक एतिहासिक रिकॉर्ड बनाएंगे। इससे पूर्व कार्यक्रम में पहुंचने पर विधायक चंद्र प्रकाश का प्रेस क्लब के प्रधान सुरेंद्र दलाल, महासचिव भूपेश मथुरिया, संरक्षक श्रेयांश जैन, सत्यपाल श्योराण, वरिष्ठ उपप्रधान पवन राठी, कानूनी सलाहकार कुमार मुकेश, संयोजक संयम जैन, कोषाध्यक्ष शमशेर सैनी आदि ने स्वागत किया। मंच संचालन संरक्षक राजीव बंसल ने किया। पत्रकारों को संबोधित करते हुए सेवानिवृत आईएएस अधिकारी चंद्र प्रकाश ने कहा कि बचपन में गांव में एसडीएम, बीडीपीओ या अन्य किसी अधिकारी को जीप में आता देखते थे तो उनके मन में भी इस तरह का अधिकारी बनने की उमंगे हिलोरे लेती थी। उन्होंने ठान लिया कि वे भी इस तरह के अधिकारी बनकर रहेंगे। उन्होंने कड़ी परिश्रम के साथ डीएन कॉलेज से बीकॉम की परीक्षा उत्तीर्ण की तथा इसके बाद रोहतक विश्वविद्यालय से एलएलबी की। बाद में उन्होंने एचसीएस अधिकारी बनकर अनेक स्थानों पर एसडीएम का पद संभाला। इसके बाद आईएएस बनने पर हरियाणा के सात आठ जिलों में जिला उपायुक्त के पद पर रहे। प्रदेश के कई जिलों में कमिश्नर का भी पदभार संभाला। हिसार से उनका पारिवारिक रिश्ता है। उन्होंने कहा कि मेहनत से अगर कुछ करने का जज्बा हो तो इंसान बड़े से बड़े पद को भी आसानी से पा सकता है। अधिकारी रहते हुए उनकी राजनीति में जाने की ललक रहती थी। 2017 में वे इस पद से रिटायर हुए। इस दौरान उन्हें 3 महीने की एक्सटेंशन मिल गई। इस पर वे सूचना आयुक्त बनाए गए। कोरोना का दौर देखा, कई उतार चढ़ाव देखने को मिले। कई बुजुर्ग व मिलनसार लोग राजनीति में जाने के लिए मना करते थे परंतु वह अपने चाचा पूर्व सांसद दिवंगत पंडित रामजीलाल की कार्यशेली को देखते तो अत्यंत प्रभावित होते थे। वे सच्चे इंसान थे। उन्होंने कहा कि लगभग 2 वर्ष पूर्व हुए आदमपुर उप चुनाव व लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने कांग्रेस पार्टी से टिकट लेने की पूरी तैयारी कर रखी थी लेकिन पार्टी द्वारा टिकट नहीं दी गई। अब उन्होंने नलवा से पूरे दम खम के साथ अपनी तैयारी की हुई थी किंतु पार्टी हाईकमान ने उन्हें आदमपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए प्रत्याशी बनाया। उन्होंने कहा कि टिकट मिलने पर वे 200 प्रतिशत आश्वस्त थे कि वे आदमपुर में मुकाबले के लिए नहीं, चुनाव जीतने के लिए जा रहे हैं। यह जानते हुए भी कि इस क्षेत्र से चौधरी देवीलाल, सुरेंद्र सिंह, रणजीत चौटाला, जयप्रकाश आदि कद्दावर नेता चुनाव लड़ चुके हैं और सभी हार भी गए किंतु उन्होंने कार्यकर्ताओं व नेताओं के साथ सुबह 6 बजे से रात 2 बजे तक पूरे क्षेत्र में अभियान चलाया। आदमपुर हल्का पिछले 20 सालों से पिछड़ा हुआ है। आदमपुर के उज्जवल भविष्य के लिए उन्होंने लोगों के समक्ष अपनी नीति व विजन रखा, लोगों को पसंद आया। आदमपुर में विकास, रोजगार तथा अन्य हर तरह के विकास कार्य करवाए जाएंगे। उन्होंने साथ ही कहा कि यहां अब तक विधायक रहे नुमाइंदों ने हल्के में केवल हाल-चाल पूछा। हल्के में राम-राम के अलावा कोई काम नहीं किया। इसी कारण आदमपुर हल्का पिछड़ा हुआ है। उन्होंने अपने चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस व भारतीय जनता पार्टी की आपस में तुलना की तथा उनकी नीतियों व कार्य शैली के बारे में बताया। हलके के लोगों ने हमारा साथ दिया और हमने इस क्षेत्र में विजय पाई। चुनाव के दौरान बड़ी सभ्यता से चुनाव लड़ा गया। इस अवसर पर अनेक पत्रकार उपस्थित रहे।

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