बिहार में छठ पर्व के दौरान डूबने से 45 लोगों की मौत हो गई है। कोसी-सीमांचल और पूर्वी बिहार के अलग-अलग जिलों में छठ पर्व पर डूबने से 22 लोगों की जान चली गई। सबसे ज्यादा खगड़िया में 4 लोग डूब गए। इसके अलावा मुंगेर और सहरसा में 3-3, मधेपुरा, किशनगंज, लखीसराय और अररिया में 2-2 लोगों और छपरा में 2 लोगों की डूबने से मौत हुई है। कटिहार और पूर्णिया में 1-1 की मौत हुई है।
वहीं, भागलपुर जिले में दो लोगों की डूबने से मौत हो गई। लापता की एसडीआरएफ की टीम तलाश कर रही है। खगड़िया में अलग-अलग जगहों पर छठ घाट तैयार करने और नदी में स्नान के दौरान दो किशोरी समेत पांच लोग डूब गए। इसमें से चार के शव को निकाला गया। लापता किशोरी को एसडीआरएफ टीम ढूंढ रही है। मुंगेर जिले के अलग-अलग प्रखंड में गुरुवार और शुक्रवार को अर्घ्य के दौरान दो बच्चे समेत छह लोग डूब गए।
इसमें से दो लोगों को गोताखोरों ने बचा लिया, जबकि तीन लोगों की मौत हो गई और एक की तलाश जारी है। सहरसा में एक युवक, एक बच्चा और एक किशोरी की मौत हो गई। लखीसराय में छठ पूजा के दौरान घाट पर नहाने और सेल्फी लेने के दौरान दो बालक की मौत डूबने हो गई। पूर्णिया के कसबा के मलहरिया कोसी नदी पुल के समीप गुरुवार को एक महिला का शव कोसी नदी से बरामद हुआ।
कटिहार के बारसोई प्रखंड की कदमगाछी पंचायत के आलेपुर छठ घाट में छठ पूजा देखने गए भाई-बहन का घाट पर पैर फिसल जाने से दोनों डूब गए। मौके पर मौजूद लोगों ने बहन को बचा लिया, लेकिन भाई की डूबकर मौत हो गईं। उधर, मधेपुरा में भी एक बच्चा समेत दो लोगों की डूबकर मौत हो गई। वहीं उत्तर बिहार में विभिन्न स्थानों पर डूबने से 19 लाेगाें की माैत हाे गई। समस्तीपुर में सबसे ज्यादा 7 लाेगाें की माैत हुई है। वहीं, मुजफ्फरपुर में 3, सीतामढ़ी में 5, मोतिहारी में 2 और दरभंगा और मधुबनी में एक-एक व्यक्ति की माैत डूबने से हाे गई।