कुख्यात सुंदर भाटी गिरोह को पहली बार आजीवन कारावास की सजा सुनाने वाले और इस समय फर्रुखाबाद में विशेष न्यायाधीश (ईसी एक्ट) अनिल कुमार की कार का बोलेरो में सवार पांच बदमाशों ने खैर क्षेत्र में पीछा किया। सड़क पर बोलेरो खड़ी कर उन्हें रोकने की कोशिश की गई। वह बचकर निकले तो कई बार असलहा दिखाकर उन्हें रोकने की कोशिश की और धमकी दी। सोफा पुलिस चौकी पर उन्होंने कार रोकी तो बदमाश फरार हो गए।
घटना की साजिश में सुंदर भाटी गिरोह के शामिल होने की शक जताया गया है। अनिल कुमार फर्रुखाबाद में विशेष न्यायधीश (ईसी एक्ट) पद पर तैनात हैं। 13 दिन पहले नोएडा जाते समय रास्ते में यह वारदात हुई। दो दिन पहले घटना की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस हरकत में आई और सीसीटीवी कैमरे खंगालने शुरू किए। न्यायाधीश डाक्टर अनिल कुमार का पीछा किए जाने की घटना से छह दिन पहले ही कुख्यात सुंदर भाटी सोनभद्र जेल से रिहा हुआ है।
फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। यह भी जानकारी की जा रही है कि घटना वाले दिन सुंदर भाटी कहां था। उसने अलीगढ़ में पहले कोई वारदात तो नहीं की, यहां उसका कोई नेटवर्क तो नहीं है। पुलिस इसका भी रिकार्ड जुटा रही है। लेकिन फिलहाल उसका यहां कोई आपराधिक इतिहास नहीं मिला है। घटना की प्राथमिकी में विशेष न्यायाधीश (ईसी एक्ट) फर्रुखाबाद डाक्टर अनिल कुमार ने साफ कहा है कि पांच अज्ञात व्यक्तियों ने मुझे आतंकित किया और मारने के इरादे से हमले की कोशिश की।
उन्होंने जब कार सोफा पुलिस चौकी के सामने रोकी तो बदमाश अपनी कार मोड़कर फरार हो गए। उन्होंने कहा है कि सुंदर भाटी और उसके गिरोह के सदस्यों की पहले कभी दोषसिद्धी नहीं हुई थी, उन्होंने ही पहली बार 2021 में सुंदर भाटी और गिरोह के सदस्यों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, हो सकता है कि सजा का बदला लेने के लिए ही हमले की साजिश रची गई हो। सुंदर भाटी ग्रेटर नोएडा के गांव घघौला का रहने वाला है।
उसके और पूर्व जिला पंचायत नरेश भाटी गिरोह के बीच गैंगवार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सुर्खियों में रही है। साठ से अधिक मामले उस पर दर्ज हैं। सपा नेता हरेंद्र नागर और उनके गनर की हत्या में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद वह 23 अक्तूबर को सोनभद्र जेल से रिहा हुआ था। इसके छह दिन बाद 29 अक्तूबर को न्यायाधीश का पीछा किए जाने की घटना हुई। डाक्टर अनिल कुमार ने जिस बोलेरो गाड़ी से पीछा किए जाने की बात कही है, उसका नंबर यूपी 81-7882 बताया है। गाड़ी सफेद रंग की थी।
यूपी 81 अलीगढ़ का पंजीकरण नंबर है। नंबर पूरा नहीं होने के कारण गाड़ी ट्रेस नहीं हो पाई है। पुलिस सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से सही नंबर की जानकारी करने की कोशिश कर रही है। हाईवे पर भी अलीगढ़ और आसपास के सीसीटीवी कैमरे चेक किए जा रहे हैं। मामला संदिग्ध लग रहा है। घटनाक्रम से संबंधित अभी साक्ष्य नहीं मिले हैं। गाड़ी का नंबर भी अधूरा है, जिसकी वजह से वह ट्रेस नहीं हो पा रही है। सुंदरभाटी का भी अलीगढ़ में कोई आपराधिक इतिहास सामने नहीं आया है। फिर भी पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है। संजीव सुमन, एसएसपी अलीगढ़