कानपुर-चकेरी निवासी प्रखर गुप्ता की पत्नी आकांक्षा ने बताया कि उनके पास जॉब को लेकर एक अनजान नंबर से व्हाट्सएप मैसेज आया था। मैसेज में लिखा था कि मुझे एक प्रोजेक्ट मिला है। इस प्रोजेक्ट में सहयोग के लिए मुझे लोगों की जरूरत है। प्रोजेक्ट से जुड़कर काम करने वालों को घर बैठे 1 से 5 हजार रुपए प्रतिदिन मिलेगा। आकांक्षा यह बात सुनकर शातिर ठगों के झांसे में आ गईं। सबसे पहले उन्हें एक यूट्यूब लिंक भेजकर सब्सक्राइब करने के लिए कहा गया। इसके बदले में उन्हें 300 रुपए खाते में भुगतान किया गया। इसके बाद उन्हें एक कल्याणी नाम की महिला के साथ टेलीग्राम ग्रुप पर जोड़ दिया गया। महिला आकांक्षा को टास्क देती और उसे पूरा करने पर रुपए मिलता था। एक रिचार्ज के साथ टास्क दिया जाता था, इसमें 1100 का रिचार्ज कराने पर 1530 रुपए, 3300 रुपए का रिचार्ज कराने पर 6 हजार, और 6 हजार के रिचार्ज पर 12690 रुपए मिलता था। ठगी की शिकार आकांक्षा ने बताया कि खाते में रिचार्ज पर दोगुना रकम भेजते रहे और लालच में आकर आकांक्षा साइबर ठगों के खाते में 36 लाख रुपए का इनवेस्टमेंट कर दिया। 27 अप्रैल को आकांक्षा ने खाते में रकम नहीं आने की बात पूछी तो ठगों ने बताया कि 46 लाख का 50 प्रतिशत और भेजना पड़ेगा। इसके बाद ही अकाउंट से कैश की निकासी हो पाएगी। सिर्फ ऑनलाइन रकम दोगुनी होने का दिखाई पड़ता रहा, लेकिन हकीकत में उनका अकाउंट पूरा खाली हो गया। ज्यादा पूछताछ शुरू की तो आकांक्षा को साइबर ठगों ने उन्हें सभी ग्रुपों से बाहर करके उनका मोबाइल नंबर ब्लॉक कर दिया। आकांक्षा ने मामले में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए 27 अप्रैल को ही साइबर सेल और साइबर थाने में तहरीर दी है। साइबर थाना प्रभारी हरमीत सिंह ने बताया कि ठगी की शिकार महिला की रिपोर्ट दर्ज करने के लिए खाते समेत अन्य जांच की जा रही है। इसके साथ ही ठगों को पकड़ने के लिए साइबर टीम ने काम शुरू कर दिया है। जल्द ही ठगों को अरेस्ट करके जेल भेजा जाएगा।