बड़ी मन्नतों से भगवान ने एक बेटा दिया था, वो भी छीन लिया। मेरे बेटे ने उसका क्या बिगाड़ा था। अगर उस हत्यारे के मन में गुस्सा था, तो मेरे बेटे को डंडे से मार लेता। कम से कम मैं इलाज कराकर अपने बेटे को अपने पास रख लेती। लेकिन, उसने तो उसे बुरी तरह चाकू से गोद दिया। ऐसे कौन मारता है? ये दर्द है प्रियांशु की मां रेनू का। प्रियांशु मेरठ के रहने वाला था। अहमदाबाद के MICA में MBA की पढ़ाई करने गया था। वहां पर उसकी हत्या कर दी गई।
रेनू कहती हैं- अभी 6 सितंबर को हमने उसका 24वां बर्थडे सेलिब्रेट किया। भाई दूज पर अपनी बहन से इसी घर से तिलक कराकर गया। मेरठ के तिरुपति गार्डन निवासी प्रियांशु जैन की अहमदाबाद में सोमवार देर रात सड़क पर चाकू मारकर हत्या कर दी गई। प्रियांशु अपने परिवार का इकलौता बेटा था। उसकी हत्या को बेशक 60 घंटे बीत चुके हैं। लेकिन, परिवार अभी भी सदमे में है। प्रियांशु की मां रेनू, बड़ी बहन गीतिका दोनों ये मानने को तैयार नहीं कि उनका लाडला अब उनके बीच नहीं रहा।
प्रियांशु के पिता पंकज दिल पर पत्थर रखकर रीति-रिवाज निभा रहे हैं। पंकज कभी रोती हुई पत्नी को संभालते हैं तो कभी खुद के आंसुओं को। बेटे को याद करके उनकी आंखें बार-बार भर आती हैं। बेटे को खो चुकी बेबस मां बार-बार सबसे यही कहती है कि मेरा प्रियांशु वापस कर दो, वो सरकार से गुहार लगाती हैं- मुझे मेरा बेटा वापस कर दो, यही मेरा न्याय होगा। मां रेनू ने बताया- प्रियांशु कहता था मम्मी अब मेरा MBA पूरा होने वाला है।
2025 में नए साल पर अपनी जॉब के साथ घर आऊंगा, उसके कॉलेज में प्लेसमेंट चल रहे थे। वो इतना होनहार था कि उसे एसेंचर कंपनी से जॉब ऑफर आ गया था। लेकिन किस्मत ने इन सबसे पहले ही मेरा बेटा छीन लिया। उसके सारे सपने अधूरे रह गए। घर में उसका कमरा खाली पड़ा है। लोग मुझसे कह रहे हैं कि मैं क्या चाहती हूं। मैं अपना बेटा वापस चाहती हूं। मैं सरकार और कानून से अपना बेटा वापस चाहती हूं। मेरा बेटा मिल जाएगा, तभी मुझे न्याय मिलेगा। जब मेरा बेटा ही नहीं मिलेगा तो मुझे कौन सा न्याय मिला। कोई कैसे दो-दो चाकूओं से किसी को इस तरह मार सकता है।
पिता पंकज जैन ने बताया– मैं अपने बेटे को जून, 2022 में माइका कॉलेज अहमदाबाद में छोड़कर आया था। उसके बाद अब कॉलेज गया। जिस कॉलेज में बेटे को छोड़कर आया, वहां से उसकी डेडबॉडी अपने इन हाथों में लेकर आया हूं। अभी दिवाली के बाद ही वो वापस लौटा था। सब कुछ अच्छा चल रहा था, कुछ ऐसी बात नहीं थी। हम तो न्याय चाहते हैं। आरोपी को सजा मिले, वो पकड़ा जाए। बहुत निर्मम हत्या हुई है। जरा सी बात पर इस तरह हत्या करना, क्रिमिनल ही तो गाड़ी में दो दो चाकू रखता है। हम और आप थोड़े रखते हैं।
अहमदाबाद तो होम मिनिस्टर अमित शाह का संसदीय क्षेत्र है, गुजरात पीएम मोदी का स्टेट है, वहां हमें न्याय मिलना चाहिए। होम मिनिस्टर खुद इस मैटर को देखें। मेरे बेटे को न्याय मिले, आरोपी पकड़ा जाए। गुजरात की पुलिस बहुत अच्छी मानी जाती है। गुजरात पुलिस ने हमारा पूरा सहयोग किया है। मेरी प्रियांशु से शुक्रवार को लास्ट बात हुई थी, लेकिन बेटी से लगातार उसकी बात होती थी। बड़ी बहन गीतिका ने इशारा करते हुए बताया- ये मेरे और प्रियांशु का बचपन का कमरा है। इस कमरे में हम दोनों ने अब तक की लाइफ साथ शेयर की है।
मेरी शादी के बाद मम्मी-पापा ने ऊपर एक कमरा बनवा दिया, जो प्रियांशु का पर्सनल कमरा है। लेकिन, अब भी हम इसी कमरे में रहते, एक साथ सोते, बातें करते। मैं उससे सात साल बड़ी हूं, इसलिए वो मेरे लिए छोटा भाई नहीं, मेरा बेटा था। मैं बता नहीं सकती मैंने आज अपना भाई, बेटा सब खो दिया। वो हमेशा कहता कि मेरी एक नहीं दो-दो मां हैं। जितना मम्मी मुझे नहीं डांटती, उससे ज्यादा तो ये मेरी छोटी मम्मी यानी मैं डांटती और टोकती हूं। हम दोनों की बांडिंग दोस्त, भाई, बहन हर तरह की थी। हम हर बात शेयर करते।
हादसे वाले दिन भी मेरी उससे साढ़े आठ बजे बात हुई थी। उसको मैंने पॉड्स खरीदने के लिए ऑनलाइन पैसे भी ट्रांसफर किए। उसके एक घंटे बाद ही मुझे उसके दोस्त का कॉल आया और ये सब हो गया। मेरा ये कमरा, ये घर बिल्कुल खाली हो गया है। मैं अपना वो लाडला भाई, बेटा कहां से वापस लाऊंगी। जिसने उसे मारा, उसे बिल्कुल सजा मिले ताकि वो और किसी के साथ ऐसा न करे।गुड़गांव में रहती है गीतिका प्रियांशु से 7 साल बड़ी उसकी बहन गीतिका है।
गीतिका की जयपुर में शादी हुई है। लेकिन गीतिका उनके हसबैंड दोनों गुड़गांव में जॉब करते, वहीं रहते हैं। रविवार को ही दोनों लोग मेरठ आ गए। पूरे परिवार को संभाले हैं।एसयूवी ने उतरा और हत्या कर दी पिता पंकज जैन ने बताया- प्रियांशु के दोस्त पृथ्वी का मेरे पास रात लगभग सोमवार रात 10 बजे फोन आया, उसने हमें बताया कि अंकल प्रियांशु के साथ ऐसा हो गया। ये दोनों बच्चे बाइक से जा रहे थे। बाइक प्रियांशु का दोस्त पृथ्वी चला रहा था। तभी वो कार सवार इनके बगल से तेज स्पीड में कार चलाकर निकला।
इन बच्चों ने कहा कि इतनी तेज गाड़ी क्यों चला रहे हो, बस तभी उस आदमी ने गाड़ी रोकी, वो डार्क रंग की एसयूवी थी। गाड़ी से उतरा, उसके दोनों हाथों में चाकू थे, उसने प्रियांशु पर हमला कर दिया। स्कूल में फुटबॉल टीम का कैप्टन था प्रियांशु प्रियांशु ने 2017 में इंटर की पढ़ाई सेंट मेरीज स्कूल आईसीएसई बोर्ड से कॉमर्स स्ट्रीम के साथ पूरी की थी। इसके बाद सूरत से उसने बीबीए किया। एमबीए इंट्रेस एग्जाम क्लियर कर उसे अहमदाबाद के माइका में एडमिशन मिला। शुरू से पहले स्कूल टॉपर रहा।
माइका में भी पिछले दो सालों से प्रियांशु काफी अच्छा स्कोर ला रहा था। सेंट मेरीज स्कूल की एल्युमिनी का भी मेंबर था। साथ ही स्कूल में फुटबॉल टीम का कैप्टन रहा है। बचपन से ही प्रियांशु को फुटबॉल खेलने का शौक था। माइका में भी इंटर हॉस्टल स्पोर्ट्स में वो मैडल जीत चुका था। मंगलवार को कैंट विधायक अमित अग्रवाल भी प्रियांशु के घर पहुंचे। परिवार को सांत्वना दी। वहीं दिनभर घर में लोगों का आना-जाना लगा रहा। कॉलोनी के लोग भी दुख की घड़ी में पूरे परिवार के साथ हैं।
लगभग 50 परिवार वाले इस तिरुपति गार्डन में पंकज जैन का परिवार पिछले 15 सालों से रहता है। इस दुख से पूरी कालोनी दुखी है। जैन समाज के लोग भी परिवार के दुख में शामिल होने पहुंचे। प्रियांशु इतना होनहार, मिलनसार बच्चा था कि पूरी कालोनी दुखी है। 14 तारीख को 13वीं रस्म होगी। हर कोई यही कह रहा है कि हे भगवान ये तूने क्या कर दिया। ये कैसा न्याय है। इतना मिलनसार बच्चा हमसे छीन लिया।