ग्रेटर नोएडा के पार्श्वनाथ पैनोरमा सोसाइटी में एक युवक ने गांजा की खेती की. उसी की कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं. उसने एक फ्लैट को खेत में तब्दील कर दिया. इस कारोबार को चलाने के लिए डार्क वेब का इस्तेमाल किया और डार्क वेब के जरिए ही उसने गांजा की सप्लाई की. युवक ने वेब सीरीज देखकर गांजे की खेती करना सीखी. फिर उसने विदेश से इसके बीज मंगाए और फ्लैट ही गमले में पौधे उगाने शुरू कर दिए.
गांजा उगाने वाले आरोपी युवक का नाम राहुल बताया जा रहा है, जो उत्तर प्रदेश, मेरठ के दारौला क्षेत्र का निवासी है. राहुल पिछले चार महीने से इसकी खेती कर रहा था. उसने 50 से ज्यादा पौधे सिर्फ चार महीने में उगा दिए. उसके फ्लैट से 2 किलो से भी ज्यादा गांजा और 163.4 ग्राम ओशियन गांजा यानी प्रिमियम गांजा बरामद हुआ. इसके साथ ही उसके फ्लैट्स से और बीज समेत खेती का सामान भी बरामद हुआ.
राहुल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है लेकिन उसने 100 दिन में करीब 20 पौधे की बिक्री की और इससे करीब 12 लाख की कमाई की. इसके बाद उसे करीब 80 पौधों का ऑर्डर मिला, जिनकी कीमत 48 लाख रुपये होती. इन गांजा के पौधों की सप्लाई वह अपने ग्राहकों को डार्क वेब के जरिए ही करता था. उसने गांजा पौधे के बीज एक विदेशी ऑनलाइन वेबसाइट से मंगाए थे.
राहुल से जब पुलिस ने इस मामले पर पूछताछ की, तो उसने बताया कि डार्क वेब के जरिए वह ऑन-डिमांड गांजा बेचता था. गांजे के एक पौधे की खेती में करीब छह-सात हजार रुपये का खर्च आता है लेकिन उससे 30 से लेकर 40 ग्राम तक ओजी निकलता है, जिसकी बाजार में कीमत 60 से लेकर 80 हजार तक होती है, यानी एक पौधा उगाने में जहां सात हजार की लागत आई. वहीं 60 से 80 हजार का मुनाफा तस्कर को होता है.