श्री रामचरित को जीवन में उतरे बिना सुख की कल्पना नहीं की जा सकती : पं0श्याम

 

ब्यूरो मुन्ना बक्श न्यूज़ वाणी बांदा। श्री रामचरितमानस सम्मेलन में विश्वविख्यात पंडित श्याम बाजपेई जी ने श्री राम के आदर्श का व्याख्यान किया

कहां की प्रभु श्री राम जी का चरित्र मानव को आगे बढ़ा कर ले जा सकता है उनके चरित्र के बिना मानव जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है उपस्थित श्रोता गणों ने पंडित श्याम वाजपेई की द्वारा दिए गए प्रवचनों का श्रवण कर प्रभु श्री रामचंद्र जी के चरित्र को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लिया और करतल ध्वनि  से उनका स्वागत किया।

संकटमोचन हनुमान जी की महिमा का बखान किया। कहा कि जिस भी स्थान में श्रीराम कथा का आयोजन होता है, वहां रामभक्त हनुमान अवश्य मौजूद रहते हैं। कहा कि रामभक्त हनुमान से अधिक भाग्यशाली तीनों लोकों में कोई दूसरा नहीं है। कहा कि भगवान श्रीराम विधाता हैं और सभी को भवसागर से पार लगाने के लिए ही उन्होंने अवतार लिया और मानव जीवन के विभिन्न आदर्शों को प्रस्तुत करते हुए समाज को संदेश देने का काम किया। कानपुर नगर से विदुषी डा. प्रज्ञा मिश्रा ने परमात्मा को सर्वत्र और सर्वेश्वर बताया।

कहा कि मात, पिता भ्राता सब कोई,

संकट में पूछे नहिं कोई। उन्होंने

बदलते समाज के बीच अब भगवान

की चर्चा करने और सुनने वालों की

संख्या में कमी आती जा रही है।

लोगों में भगवान की चर्चा में रुचि

नहीं रही। यह समाज के लिए चिंता

का विषय है। भागदौड़ भरे जीवन में

लोग कर्म को गति देने में व्यस्त हैं।

कहा कि कथा सुनकर उसे जीवन में

उतारने से ही मनुष्य भवसागर से

पार उतर सकता है। इस मौके पर

समिति से राजकुमार

बाजपेयी, आरएस पांडेय, पीपी

त्रिवेदी, आत्माराम गुप्ता, वीरेंद्र

त्रिपाठी, बृज बिहारी दीक्षित,वीरेंद्र कुमार, अखिलेश पांडे, विद्यासागर द्विवेदी, रामावतार द्विवेदी,डॉo अश्विनी कुमार त्रिपाठी,, ब्रह्मानंद, अनिल सक्सेना आदि

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