राजस्थान के सिरोही जिले में स्थित काकेन्द्रा गांव से दिल को दहला देने वाला मामला सामना आया है. एक ही आदिवासी परिवार के तीन बच्चों की इसी नवंबर माह में कुछ-कुछ दिन के अंतराल में मृत्यु हो गई एवं एक बच्ची वेंटिलेटर पर है जिसका गुजरात के पालनपुर हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है. बताया जा रहा है कि भानाराम भील के पांच वर्षीय पुत्र गोपाल की मृत्यु इसी महीने 5 नवंबर को हुई.
वहीं 2 वर्षीय पुत्री आशा कुमारी की 10 नवंबर को, और 7 वर्षीय पुत्री जिया कुमारी की 14 नवंबर को मृत्यु हो गई. 13 वर्षीय पुत्री देवू कुमारी पालनपुर हॉस्पिटल में जिंदगी और मौत के बीच वेंटिलेटर पर जिंदगी की जंग लड़ रही हैं. आरोप है कि इतना कुछ होने के बाद भी सिरोही प्रशासन के जिम्मेदार पूरे मामले से अनभिज्ञ बने रहे. एक के बाद एक तीन मौत एक ही परिवार में होने के बाद भी सिरोही जिला प्रशासन की नींद नहीं उड़ी. जिम्मेदार चिकित्सा महकमा व अधिकारी सहित तमाम प्रशासनिक अमला पूरे मामले पर अनभिज्ञ होकर बैठा रहा और उधर परिवार के चिराग बुझते रहे.
सवाल यह उठता है एक के बाद एक मौत होती रही फिर भी पूरे मामले की जांच पड़ताल क्यों नहीं हुई? आखिर किस वजह से एक ही परिवार के तीन बच्चों की मौत हुई? सिरोही स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार इतने लापरवाह कैसे उन्हें पूरे मामले की भनक तक नहीं लगी. उनकी कार्यशैली पर कई गंभीर सवाल खड़े करता है. भले लोग बीमारी से मरे उन्हें इससे कोई सरोकार नहीं. जो सिस्टम पर गंभीर प्रश्न खड़ा कर रहा है. अशोक गहलोत सरकार में सीएम के सलाहकार रहें सिरोही के पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने ट्वीट करके गंभीर सवाल उठाए है.
उन्होंने कहा जब उनको पूरे मामले की जानकारी मिली तो तुरंत जिला चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी से दोपहर में बात कर उन्हें मौके पर भेजा. भानाराम भील के दो बच्चे और गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं जिन्हें शुक्रवार (15 नवंबर) को 108 एंबुलेंस में लाकर जिला चिकित्सालय सिरोही में भर्ती करवाया गया.लोढ़ा ने सवाल उठाया की ये पूरी तस्वीर यह बयां करती हैं कि सिरोही जिले में पूरी तरह से प्राशसनिक व्यवस्था दम तोड़ चुकीं हैं. जिला प्रशासन की रात्रि चौपाले, जन सुनवाई, साप्ताहिक बैठको का जनता से कोई सरोकार नहीं रह गया हैं. न तो प्रशासन को कोई कहने वाला हैं, न कोई सुनने वाला है.
इस गंभीर लापरवाही के लिए उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री और राजस्थान के चिकित्सा मंत्री के इस्तीफे की मांग की है. गरीब आदिवासी परिवार के तीन बच्चों की मौत हो गई, और जिम्मेदार पूरे मामले से अनभिज्ञ बने रहें. यह बात सच है जो हर किसी को हैरत में डाल रहीं है. जिनके जिम्मे पूरे सिरोही की चिकित्सा व्यवस्था है वो कितने गंभीर है यह तस्वीर सबके सामने है. जैसे ही जनप्रतिनिधियों ने डॉ राजेश कुमार जो सिरोही के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी है उन्हें सूचना दी तब जाकर वे उस गाँव पहुंचे टीमों द्वारा इलाज शुरू करवा कर गंभीर बीमार बच्चों को सिरोही जिला अस्पताल 108 एम्बुलेंस से रेफर किया.
फिलहाल सिरोही चिकित्सा महकमे की नींद उड़ गई है और क्षेत्र में सर्वे करवाने का दावा अधिकारी कर रहे. अभी तक मौत के कारणों का खुलासा नहीं हुआ. अब देखने वाली महत्वपूर्ण बात यह रहेगी इस मौत का जिम्मेदार किसको माना जाता है और सूबे के मुखिया एवं चिकित्सा मंत्री इस पर क्या एक्शन लेते है. सिरोही जिला प्रमुख अर्जुनराम पुरोहित के ध्यान में आने पर वे स्वयं मौके पर पहुंचे और चिकित्सा अधिकारियो को बीमार बच्चों के बेहतर इलाज के लिए निर्देश दिया साथ ही उन्होंने इस दुखद घटना पर खेद प्रकट करके पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिया है और बताया पूरे विषय से क्षेत्र के विधायक व राज्य मंत्री ओटाराम देवासी को अवगत करवा दिया गया है.