पटना. राजधानी पटना के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सर्जिकल आईसीयू में गोली लगने से मौत के शिकार हुए एक युवक का एक आंख निकाले जाने का मामला प्रकाश में आया है. घटना से गुस्साए मृतक के परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा मचाया. हंगामें की सूचना मिलते ही आलमगंज पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आक्रोशित परिजनों को शांत कराया. परिजनों की शिकायत पर पुलिस पूरे मामले की छानबीन में जुट गई है.
घटना के बाद पटना सिटी के सहायक पुलिस अधीक्षक अतुलेश झा ने भी मौके पर पहुंचकर पूरे मामले की जांच की. मृतक के परिजनों ने गोली मारने वाले लोगों पर एनएमसीएच प्रबंधन के साथ मिलकर आंख निकाले जाने का आरोप लगाते हुए दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई किए जाने की मांग की है. परिजनों ने पूरे मामले पर अस्पताल प्रशासन को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते हुए दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई किए जाने की मांग की है.
मृतक की पहचान नालंदा जिले के सखसोहरा थानाक्षेत्र के होराड़ी गांव निवासी दिलीप प्रसाद के 24 वर्षीय पुत्र फंटूश कुमार यादव के रूप में की गई है. बताया जाता है कि बीते 14 नवंबर को आपसी विवाद में गांव के ही कुछ लोगों ने फंटूश कुमार यादव को गोली मार दी थी. गंभीर रूप से घायल फंटूश यादव को इलाज के लिए एनएमसीएच में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान बीते देर रात उसकी मौत हो गई थी.
घटना के संबंध में पूछे जाने पर मृतक के भाई मुकेश कुमार और नवलेश कुमार ने विरोधी गुट के लोगों पर अस्पताल प्रबंधन के साथ मिलकर फंटूश कुमार की आंख निकाले जाने का आरोप लगाते हुए पुलिस प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है. पीड़ित परिवार के सदस्यों ने दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई किए जाने की भी मांग की है. परिजनों का आरोप है कि इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन से पूछताछ किए जाने पर अस्पताल प्रबंधन के लोगों ने चूहों के द्वारा आंख खाए जाने की बात कही है.
मौके पर मौजूद पटनासिटी के सहायक पुलिस अधीक्षक अतुलेश झा और आलमगंज थाना अध्यक्ष राजीव कुमार ने घटना की पुष्टि करते हुए जल्द ही पूरे मामले का उद्बेदन कर लिए जाने का भरोसा दिलाया है. पूरे मामले पर पूछे जाने पर अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर विनोद कुमार सिंह ने मामले की जांच को लेकर चार सदस्ययीय जांच टीम गठित किए जाने की बात बताई है. मामला सत्य पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया है.
अस्पताल अधीक्षक ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट की बात दोहराते हुए मामले का उद्भेदन कर लिए जाने का भरोसा दिलाया है, हालांकि अधीक्षक का कहना था कि सर्जिकल आईसीयू में दो अन्य मरीज और उनके परिजन मौजूद थे और उनके द्वारा मृत युवक की आंख निकाले जाने की बात नहीं बताई गई है. फिलहाल पुलिस सर्जिकल आईसीयू में लगे सीसीटीवी कैमरे को खंगालने में जुटी है. घटना को लेकर मृतक के परिजनों और स्थानीय लोगों में अस्पताल प्रशासन के खिलाफ खासा आक्रोश व्याप्त है.