नदी तट पर पूजा के बाद अटैक: साइको युवक की महिलाओं से नफरत की कहानी

 

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के झंगहा से एक सनकी युवक को पुलिस ने अरेस्ट किया है. आरोपी रेप के केस में जेल जा चुका था. उसके बाद वह महिलाओं से नफरत करने लगा. महिलाओं के मन में भय पैदा करने के लिए उनके ऊपर हमला करता था, जब उनकी चीख निकलती थी तो उसे मजा आता था. उसने पांच महीने में पांच महिलाओं पर हमला किया, जिसमें से एक की मौत भी हो गई थी. 150 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने के बाद अंत में आरोपी तक पुलिस पहुंच गई. हालांकि, इस मामले में झंगहा के तत्कालीन थानेदार को अपनी थानेदारी गंवानी पड़ी, क्योंकि उनके क्षेत्र में ही ये सभी घटनाएं हुई थीं.

एसओजी व झंगहा थाने की पुलिस ने संयुक्त रूप से आरोपी को पकड़ने के लिए अभियान चलाया. पुलिस ने गांव-गांव जाकर लोगों से पूछताछ की और संदेह के आधार पर कुल छह लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की. वारदात को अंजाम देने वाला अजय निषाद भी चार घटनास्थलों पर सीसीटीवी कैमरे में कैद मिला. पुलिस ने उसे भी हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो उसने सच्चाई उगल दी. आरोपी ने बताया कि साल 2022 में उसने एक लड़की के साथ रेप किया था और उस मामले में पुलिस ने जेल भेज दिया था. छह माह बाद जेल से छूटा तो किशोरी के घरवालों को समझौता करने के लिए धमका रहा था, लेकिन उन लोगों ने फिर केस दर्ज करवा दिया. ऐसे में दोबारा जेल जाना पड़ा, जब बाहर आया तो मुझे महिलाओं से नफरत होने लगी. मैं उनके अंदर डर पैदा करना चाहता था. इसी कड़ी में बीते 29 जुलाई को सहसरांव गांव पहुंचा और घर में अकेली सो रही माया देवी के ऊपर हमला कर दिया. घटना चोरी की लगे, इसलिए मैं उसके घर से बॉक्स लेकर भाग गया, ताकि कोई मेरे ऊपर शक ना करें.

आरोपी ने बताया कि बीते 12 अगस्त की रात में उपाधौलिया गांव में मायके आई ममता के सिर पर पर भी रात से हमला कर दिया. उसके बाद 25 अगस्त को राजधानी गांव में 55 भारती रंभा देवी पर हमला किया. नौ नवंबर को शांति सिंह और 13 नवंबर को कटहरिया गांव की एक किशोरी कविता पर डंडे से हमला कर दिया. आरोपी ने पुलिस को बताया कि जब मैं हमला करता था और महिलाएं चीखती थीं तो मुझे बेहद आनंद आता था मेरे कलेजे को ठंडक पहुंचती थी. उसने पुलिस को यह भी बताया कि वह शनिदेव का पूजा करता था, इसलिए काला कपड़ा पहना है. आरोपी वारदात को अंजाम देने के पहले झंगहा थाना क्षेत्र स्थित राप्ती नदी पर पूजा करता था. उसके बाद ऐसे घर में जाता था, जिस घर में महिलाएं अकेली होती थीं और उनके ऊपर हमला करके बुरी तरह से घायल कर देता था. उसने पुलिस को बताया कि वारदात करते समय वह पैर में चप्पल नहीं पहनता था, ऐसा इसलिए, क्योंकि चप्पल छूट जाएगा तो वह पुलिस की पकड़ में आ जाएगा.

साथ ही घटना को अंजाम देने के बाद वह मुख्य मार्ग को छोड़कर पगडंडी या गलियों के रास्ते निकलता था. इस बात का भी ध्यान रखता था कि कही रास्ते में सीसीटीवी कैमरा ना लगा हो. यदि कहीं सीसीटीवी कैमरा दिख जाता था तो दोनों हाथ ऊपर करके भगवान का नाम लेने लगता था, ताकि किसी को शक ना हो. आरोपी ने बताया कि वारदात को अंजाम देने के बाद अपनी प्रेमिका से बात करता था. उससे मेरी दोस्ती इंस्टाग्राम के जरिए हुई थी. वह देहरादून की रहने वाली है. पुलिस की जांच में पता चला कि वह अपनी प्रेमिका से कोई 3600 घंटे बात कर चुका था. अगस्त में घटना को अंजाम देने के बाद वह प्रेमिका से मिलने देहरादून चला गया था. होटल में कमरा लेकर रुका था. पुलिस उसकी प्रेमिका से भी पूछताछ करने की तैयारी में जुटी है. उसने बताया कि घटना को अंजाम देने के लिए लकड़ी के मोटे डंडे, लोहे के रॉड का इस्तेमाल करता था. उसने पुलिस की पूछताछ में बताया कि अगस्त में तीन वारदात करने के बाद में सूरत चला गया था. छठ पर्व से पहले लौटा था और फिर से दो घटनाओं को अंजाम दे दिया.

एसएसपी डॉ गौरव ग्रोवर ने बताया कि झंगहा थाना क्षेत्र में महिलाओं के ऊपर हमले की लगातार पांच घटनाएं होने से पुलिस पर उंगली उठने लगी थी. इसी मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी सूरज सिंह को हटा दिया गया था. उसके बाद उन्हें एसओजी का प्रभारी बना दिया गया. एसओजी प्रभारी रहते हुए उनकी टीम ने कठिन परिश्रम करके आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. उसकी निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त बांस का डंडा, चारपाई का पाया और लोहे का रॉड पुलिस ने बरामद कर लिया है.

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