मैं ग्रेजुएट हूं लड़का हाईस्कूल फेल है इसलिए शादी नहीं कर सकती। यह कहते हुए सुल्तानपुर में दुल्हन ने शादी करने से मना कर दिया। लड़की की यह बात सुनते ही वहां सन्नाटा पसर गया। दूल्हा-दुल्हन के घरवालों ने लड़की को मनाने की पूरी कोशिश की, लेकिन वह जिद पर अड़ी रही। यह देखकर लड़की के पिता ने भी बेटे की शादी करने से मना कर दिया। इसके बाद मामला थाने तक पहुंच गया। थानेदार ने भी लड़की को समझाया, लेकिन वह किसी भी हालत में शादी करने को तैयार नहीं हुई। इसके बाद बारात बिना दुल्हन के लौट गई। मामला दोस्तपुर थाना के मुस्तफाबाद कला का है।
मुस्तफाबाद कला के रहने वाले सुजीत की 3 बेटियां और 1 बेटा मनोज है। सुजीत दिल्ली में मजदूरी करते हैं। उसने बड़ी बेटी बबिता की शादी अखंडनगर थाना के नगरी मकोइया गांव निवासी पुनीत से तय की। शादी 17 नवंबर को थी। रात को गाजे-बाजे के साथ बारात पहुंची। बारातियों की जमकर खातिरदारी की गई। नाचते-गाते बाराती द्वारचार पर पहुंचे। खुशी-खुशी द्वारचार हुआ। इसके बाद बाराती खाने-पीने में लग गए। दूल्हा-दुल्हन ने साथ में फोटो भी खिंचवाईं इस बीच, स्टेज पर जयमाल की रस्म शुरू हुई। दूल्हा-दुल्हन ने एक दूसरे को जयमाला पहनाई। रिश्तेदारों ने आशीर्वाद दिया। दूल्हा-दुल्हन ने एक साथ फोटो भी खिंचवाईं। जयमाल के बाद दूल्हा और दुल्हन ने एक साथ खाना भी खाया।
इसके बाद दुल्हन घर के अंदर चली गई। थोड़ी देर बाद दूल्हा-दुल्हन शादी की रस्मों के लिए मंडप में बैठे। पंडित जी ने मंत्र पढ़ना शुरू किया। इसी बीच दुल्हन उठकर खड़ी हो गई। कहने लगी- दूल्हा मंदबुद्धि है। हाईस्कूल भी फेल है। मैं इतनी पढ़ी-लिखी हूं। मैं इस लड़के से शादी नहीं कर सकती। फिर वह मंडप से चली गई। रातभर लड़की को मनाते रहे लोग दोनों पक्ष के बड़े-बुजुर्गों ने लड़की को रातभर मनाया, लेकिन वह नहीं मानी। सोमवार सुबह लड़की के पिता ने भी दूल्हे को बारात वापस ले जाने के लिए कह दिया।
इसके बाद दूल्हे के पिता ने पुलिस को फोन कर दिया। थोड़ी देर बाद पुलिस आई। दोनों पक्षों को थाने ले गई। थानेदार ने दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की, लेकिन लड़की जिद पर अड़ी रही। दूल्हे के पिता बेचन ने बताया- द्वारचार लगा, जयमाल हुआ, तब तक कोई दिक्कत नहीं हुई। इसके बाद लड़की ने एक जोड़ी चप्पल और चूड़ी के लिए बवाल किया। कहा- हम शादी नहीं करेंगे। दुल्हन के घरवाले देंगे तिलक का खर्चा SHO पंडित त्रिपाठी ने बताया कि दोनों पक्षों में सुलह हो गई है। दुल्हन के घरवाले तिलक का खर्चा देंगे। वहीं, लड़के घरवाले ने जो गहने दुल्हन के दिए थे। लड़की के घरवाले उसे लौटाएंगे।