जम्मू-कश्मीर में वैष्णो देवी रोपवे प्रोजेक्ट के खिलाफ खच्चर और पालकीवालों ने विरोध शुरू कर दिया है। पुलिस ने सोमवार को प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की तो भीड़ ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। हिंसक प्रदर्शन में कुछ लोगों के घायल होने की खबर है। वैष्णों देवी श्राइन बोर्ड कटरा में ताराकोट मार्ग और सांझी छत के बीच 12 किलोमीटर के मार्ग पर 250 करोड़ रुपए की लागत से रोपवे प्रोजेक्ट का निर्माण करवा रहा है। वैष्णो देवी आने वाले श्रद्धालुओं को खच्चर और पालकीवाले मंदिर दर्शन कराने ले जाते हैं। ये उनके कमाई का जरिया है। इसलिए वे इसका विरोध कर रहे हैं।
SSP परमवीर सिंह ने बताया, ‘लोग पिछले तीन दिनों से यहां विरोध कर रहे हैं और हम स्थिति को संभाल रहे हैं। आज उनमें से कुछ ने पुलिस टीम पर पथराव किया। हम स्थिति को संभालने की कोशिश कर रहे हैं और उम्मीद है कि जल्द ही सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी।’ जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (LG) मनोज सिन्हा ने निर्माणाधीन जम्मू तवी रिवरफ्रंट परियोजना के स्थल का दौरा किया। उन्होंने कहा- 90% काम पूरा हो चुका है। उम्मीद है कि यह जनवरी तक पूरा हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि श्री माता वैष्णो देवी बोर्ड द्वारा घोषित रोपवे परियोजना का उद्देश्य तीर्थयात्रियों के लिए तेज और सुरक्षित यात्रा प्रदान करना है। प्रदर्शन में मजदूर संघ के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह जामवाल और शिवसेना के प्रदेश अध्यक्ष मनीष साहनी भी शामिल हुए। उन्होंने रोपवे प्रोजेक्ट से प्रभावित होने वाले प्रत्येक नागरिक के लिए ₹20 लाख का मुआवजा देने की मांग की है। साथ ही प्रभावित लोगों के लिए पुनर्वास प्लान बनाने के लिए भी कहा है। प्रदर्शन में मजदूर संघ के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह जामवाल और शिवसेना के प्रदेश अध्यक्ष मनीष साहनी भी शामिल हुए। उन्होंने रोपवे प्रोजेक्ट से प्रभावित होने वाले प्रत्येक नागरिक के लिए ₹20 लाख का मुआवजा देने की मांग की है। साथ ही प्रभावित लोगों के लिए पुनर्वास प्लान बनाने के लिए भी कहा है।