एक दिन का जीवन, मौत से सामना: मां की क्रूरता ने छीन ली सांसें

 

महज एक दिन के नवजात को उसके परिजन झाड़ियों में फेंक गए। एक व्यक्ति ने झाड़ियों में पड़े नवजात को देखा और पुलिस को सूचना दी। पुलिस फौरन मौके पर पहुंची और नवजात को अस्पताल में पहुंचाया। जांच के बाद डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। मामला पाली में औद्योगिक थाना इलाके की पानी की टंकी के पास बुधवार दोपहर करीब 12 बजे का है। डॉक्टरों का कहना है कि मासूम खुले में पड़ा रहा। संभवत: सर्दी लगने से उसकी मौत हो गई। नवजात लड़का था। औद्योगिक थाने के सब इंस्पेक्टर भंवरलाल माली ने बताया- महादेव बगीची के निकट जलदाय विभाग की पानी की टंकी के पीछे झाड़ियों में नवजात के पड़े होने की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे। नवजात को बांगड़ हॉस्पिटल लेकर गए, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।

नवजात की बॉडी हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी में रखवाई गई है। नवजात को यहां कौन फेंककर गया, इसको लेकर जांच की जा रही है। पाली के बांगड़ हॉस्पिटल में डॉ. भावना और डॉ. अंकुर ने चेकअप किया। डॉ. भावना ने बताया- नवजात की बॉडी पर जगह-जगह खरोंच के निशान थे, जो संभवतः कांटों में पड़े होने से लगे होंगे। उसकी बॉडी पर कोई भी कपड़ा नहीं था। नवजात का जन्म 18 से 24 घंटे पहले हुआ था। उसे बचाने के लिए सीपीआर दिया और धड़कन बढ़ाने वाले इंजेक्शन भी लगाए, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। बिना कपड़ों के खुले में नवजात पड़ा रहा।

वह संभवतः हाइपोथर्मिया (अधिक ठंड लगना) की चपेट में आ गया, जिससे उसकी मौत हुई। जिला बाल कल्याण समिति अध्यक्ष रसीद मोहम्मद ने कहा- पाली के बांगड़ हॉस्पिटल और पाली-सुमेरपुर बाइपास स्थित बाल कल्याण समिति के ऑफिस के बाहर पालना गृह लगा है। यदि किसी को किसी कारण नवजात नहीं चाहिए तो वे उस पालना गृह में छोड़कर जा सकते हैं। वे नवजात को यहां क्यों छोड़कर जा रहे हैं? इसको लेकर भी किसी तरह की पूछताछ नहीं की जाती, लेकिन ऐसे नवजात को मरने के लिए खुले में झाड़ियों में न छोड़ा जाए। यह बच्चा जिंदा होता तो किसी बेऔलाद मां की गोद भर जाती।

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