एकनाथ शिंदे फडणवीस सरकार में डिप्टी सीएम बनेंगे. आजाद मैदान में होने वाले समोराह में शिंदे उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. शिवसेना के नेता लगातार ये इच्छा जाहिर कर रहे थे कि शिंदे उपमुख्यमंत्री बनें. इसके लिए वो शिंदे को मनाने में जुटे हुए थे. उदय सामंत, संजय शिरसाट, संजय गायकवाड, भारत गोगावले, दीपक केसरकर शिंदे को मनाने के लिए उनके आवास पर पहुंचे थे. आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और शिंदे अब डिप्टी सीएम पद की शपथ लेंगे. इससे पहले उदय सामंत ने कहा था कि हम चाहते हैं कि शिंदे उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लें. हमारे 59 विधायकों में से कोई भी उपमुख्यमंत्री पद के लिए इच्छुक नहीं है. अगर शिंदे उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार नहीं करते हैं, तो हम मंत्रीपद नहीं स्वीकार करेंगे. शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा था, राजभवन से लौटने के बाद हम सभी विधायक कल एकनाथ शिंदे से मिलने गए थे. हमने उनसे रिक्वेस्ट की है कि आप सरकार में शपथ लीजिए.
सरकार में कई महत्वपूर्ण निर्णय होते हैं, जिनमें आपका शामिल होना जरूरी है. शपथग्रहण समारोह के लिए निमंत्रण कार्ड बीजेपी, शिवसेना शिंदे गुट और राष्ट्रवादी अजित पवार गुट की ओर से तैयार किया गया है. इन तीनों निमंत्रण पत्रों पर मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र फडणवीस का नाम है. शिंदे गुट के निमंत्रण कार्ड पर उपमुख्यमंत्री पद के लिए एकनाथ शिंदे का नाम नहीं लिखा है . ऐसे में सस्पेंस बढ़ गया था. एनसीपी के पर्चे में बताया गया है कि अजित पवार उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार और एकनाथ शिंदे बुधवार को राज्यपाल को समर्थन पत्र सौंपने पहुंचे थे. इसके बाद तीनों नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जिसमें शिंदे ने कहा कि वह बताएंगे कि वह शपथ लेंगे या नहीं.
इसके बाद शाम को सात बजे देवेंद्र फडणवीस एकनाथ शिंदे से मिलने उनके आवास पहुंचे. लगभग चालीस मिनट तक यह बैठक चली. इस बैठक में उन्हें बता दिया गया कि उन्हें गृह मंत्रालय नहीं दिया जा रहा है. देवेंद्र फडणवीस तीसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन रहे हैं. वह आजाद मैदान में शपथ लेंगे. समारोह में पीएम मोदी भी शामिल होंगे. महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने और 23 नवंबर को उसके परिणाम सामने आ जाने के करीब दो हफ्ते तक बातचीत चली और फिर आज फडणवीस के नेतृत्व में सरकार का गठन होने जा रहा है. महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में 132 सीट जीतने के साथ ही बीजेपी के सबसे मजबूत होकर सामने आने के बाद फडणवीस इस पद के प्रबल दावेदार बनकर उभरे.