बिना सिंदूर और फेरों के बनी 51,000 जोड़ियां

 

कानपुर:  मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 9 आयोजनों में 337 जोड़ों ने एक-दूजे का हाथ थामा। मामला शनिवार का है। वीडियो सामने आने के बाद परिजनों ने कहा- खरमास शुरू हो गया है। सहालग आने पर विधिवत शादी कराएंगे। फिर बिटिया को ससुराल भेजेंगे।  शादी करने पहुंचे सौरभ (बदला हुआ नाम) ने बताया कि हम लोग 10 बजे गेस्ट हाउस पहुंचे। वहां मौजूद कर्मचारियों ने कहा- सामूहिक विवाह स्थल बदला गया है।

हम नए गेस्ट हाउस में पहुंचे, वहां पहुंचने में थोड़ा लेट हो गया। इसलिए विवाह नहीं कराया गया। हम लोगों ने विरोध दर्ज कराया तो कर्मचारियों ने कहा- खुद ही जल्दी-जल्दी वरमाला पहन लो। तब हम लोगों ने खुद ही वरमाला पहन ली।  14 दिसंबर को हुए सामूहिक विवाह के कई वीडियो सामने आए हैं। बिधनू ब्लॉक के वीडियो में वर-वधू खुद ही माला पहनते दिख रहे हैं। माला पहनकर फोटो खिंचवा रहे हैं।

उन्होंने बताया- ब्लाक के कर्मचारियों ने 3 दिन पहले यानी 11 दिसंबर को सामूहिक विवाह समारोह में आने के लिए कहा था। मगर वैरिफिकेशन के बाद लौटा दिया गया। 14 दिसंबर को एक गेस्ट हाउस में शादी के लिए सुबह 10 बजे बुलाया गया। कुछ लोग करीब दो बजे पहुंचे, उस समय शादी समारोह चल रहा था। इसलिए खुद ही माला पहनकर लाइन में बैठ गए। विवाह के बाद 2 दुल्हनें ससुराल की जगह मायके लौट गईं। परिजनों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि खरमास शुरू हो गया है। सहालग आने पर विधिवत शादी कराएंगे। फिर बिटिया को ससुराल भेजेंगे। इस दौरान कई जोड़े फेरे लेने के बजाय वहीं खड़े हो गए।

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