यूपी विधानमंडल सत्र का प्रारंभ सोमवार को हंगामे के साथ हुआ। सपा सहित विपक्ष के अन्य विधायकों ने जमकर नारेबाजी की और हंगामा किया। काफी देर तक होते रहे हंगामे को लेकर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना भड़क उठे और विपक्ष के लोगों को चेतावनी दे दी है। उन्होंने कहा कि बीते तीन साल से विधानमंडल सत्र ठीक से चल रहा है। एक भी बार स्थगित नहीं करना पड़ा। सत्ता पक्ष जवाब देने के लिए तैयार रहता है और विपक्ष सवाल पूछता है। इसके लिए मैं आप सब की प्रशंसा भी करता हूं लेकिन आप सभी हंगामा कर रहे हैं जो कि दिखाता है कि आपके पास मुद्दे नहीं हैं।
उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर आपने मेरी बात नहीं सुनी तो मैं और सख्ती दिखाऊंगा और नियमों के विपरीत कुछ भी स्वीकार नहीं करूंगा। सख्ती से पेश आऊंगा जिसके लिए जिम्मेदार आप लोग होंगे। ऐसा कहते हुए उन्होंने 12 बजकर 20 मिनट तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी और हेडफोन अपनी मेज पर फेंककर बाहर चले गए। हालांकि, स्थगन के बाद कार्यवाही शुरू हुई। इस दौरान विपक्ष ने भाजपा सरकार पर प्रदेश में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के आरोप लगाए। विपक्ष ने प्रशासन को भी जिम्मेदार ठहराया और कहा कि अगर समय पर कार्रवाई की गई होती तो संभल और बहराइच में हिंसा नहीं होती।