राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में 17 बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया। इस बार 14 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 17 बच्चों को इस पुरस्कार के लिए चुना गया था। इनमें 7 लड़के और 10 लड़कियां शामिल हैं। बाल पुरस्कार सात कैटेगरी में दिए गए हैं। जिसमें आर्ट एंड कल्चर, बहादुरी, इनोवेशन, साइंस एंड टेक्नोलॉजी, सोशल वर्क, स्पोर्ट्स एंड एनवॉयरमेंट शामिल है।
उधर पीएम नरेंद्र मोदी आज दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित वीर बाल दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। मोदी सुपोषित पंचायत योजना का शुभारंभ करेंगे और मार्च पास्ट को हरी झंडी दिखाएंगे। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेताओं और गणमान्य व्यक्तियों सहित लगभग 3,500 बच्चे हिस्सा लेंगे। केंद्र सरकार की ओर से साल 1996 में राष्ट्रीय बाल पुरस्कार की शुरुआत की गई थी। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से अलग-अलग क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धि हासिल करने वाले बच्चों को सम्मानित करने के मकसद से राष्ट्रीय बाल पुरस्कार को शुरू किया गया था।
साल 1996 से ही पुरस्कार पाने वाले ये बच्चे कर्तव्यपथ पर होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेते हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए बच्चों का चयन करती है। ऐसे बच्चे जिनकी उम्र 5 साल से ज्यादा और 18 साल से कम है। जो भारत के नागरिक हैं और देश में ही रहते हैं। उन्हें ये पुरस्कार दिया जा सकता है। साल 2018 में बहादुरी के क्षेत्र में उपलब्धि हासिल करने वाले बच्चों को भी शामिल किया गया। पहले यह पुरस्कार छह कैटेगरी में दिया जाता है।
जिनमें कला और संस्कृति, बहादुरी, नवाचार (इनोवेशन), शैक्षणिक, सामाजिक सेवा और खेल शामिल था। अब इसमें साइंस और टेक्नोलॉजी भी जोड़ा गया है। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के हर विजेता को एक मेडल और एक सर्टिफिकेट दिया जाता है। इसके साथ पुरस्कार विजेताओं को 1 लाख रुपये का नकद पुरस्कार भी मिलता है।