भोपाल में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह को गिरफ्तार किया है, जो फिल्म धूम की स्टाइल में चोरी की वारदातों को अंजाम दिया करता था. गिरोह के सदस्य दिन में अपना कारोबार देखते, शाम को कॉलोनी की रेकी और फिर रात में चोरी की वारदातों को अंजाम देते थे. यह गिरोह अयोध्या नगर और आसपास के इलाकों में सक्रिय था. पुलिस ने इन्हें एक कारोबारी के घर डकैती डालने की योजना बनाते समय गिरफ्तार किया. इन आरोपियों से पूछताछ में कई चोरी की घटनाओं का खुलासा हुआ है. पुलिस ने इनसे और भी जानकारी जुटाने की कोशिश की है, ताकि इनके द्वारा की गई और घटनाओं का पता चल सके.
पुलिस ने इस गिरोह से सोने-चांदी के जेवरात और करीब 16 लाख रुपए का सामान बरामद किया है. साथ ही आरोपियों के पास से पिस्टल, चाकू, रॉड और टामी भी जब्त किया है. इन आरोपियों में से कुछ लोग चाऊमीन बेचने का काम करते थे, जबकि बाकी लोग अलग-अलग निजी कंपनियों में नौकरी करते थे. इनकी मुलाकात करीब एक साल पहले सागर के गोपालगंज में हुई थी, जब जितेंद्र राजपूत पर 5 लाख का कर्ज था. कर्ज की समस्या और महंगे शौक को पूरा करने के लिए इन्होंने मिलकर एक गिरोह बना लिया और चोरी की घटनाओं को अंजाम देना शुरू कर दिया.
गिरोह के सदस्य दिन में अपनी नौकरी करते और फिर शाम को इलाके की रेकी करते थे. वे यह पता करने की कोशिश करते थे कि कौन से मकान लंबे समय से खाली हैं. इसके लिए वे घरों के बाहर पड़े अखबारों को देख कर यह अंदाजा लगाते थे कि मकान में काफी समय से कोई नहीं आया. फिर रात के समय, ताले तोड़कर वे चंद मिनटों में चोरी की वारदात को अंजाम दे देते थे. डीसीपी संजय अग्रवाल ने बताया कि गिरोह के सदस्य अलग-अलग इलाकों में रहते थे और अपनी दिन भर की नौकरी के बाद आसपास की कॉलोनियों में रेकी करते थे. हर सदस्य का एक खास रोल था, एक ताला तोड़ता, एक बाहर पहरा देता और बाकी दो सदस्य घर के अंदर घुसकर सामान चुराते थे. इस तरह से ये गिरोह एक के बाद एक चोरी की घटनाओं को अंजाम देते थे.