प्यार, धोखा और हत्या: फिल्मी अंदाज में गिरफ्तार हुआ पूर्व सैनिक

कोच्चि:10 फरवरी 2006 को केरल के कोल्लम जिले में अंचल के पास येरम में एक अविवाहित महिला और उसकी 17 दिन की जुड़वां बेटियों की हत्या हुई थी। हत्या करने वाला अंचल का ही रहने वाला दिबिल कुमार बी था, जो 2006 में भारतीय सेना की 45 ए.डी. रेजिमेंट में था। इस हत्या में उसकी रेजिमेंट के ही एक और साथी पी राजेश ने मदद की थी। हत्या के बाद दोनों आरोपी रेजिमेंट में वापस न जाकर भाग गए थे। सीबीआई के मुताबिक, मर्डर का यह केस 2006 का है। केरल के कोल्लम जिले के येरम में 24 साल की रंजिनी और उसकी जुड़वां बच्चियों की हत्या कर दी गई। दोनों नवजात सिर्फ 17 दिनों की थी।

रंजिनी अपनी मां और बच्चियों के साथ किराये के मकान में रहती थी। 10 फरवरी को रंजिनी की मां अपनी नवजात पोतियों का बर्थ सर्टिफिकेट लेने पंचायत ऑफिस गई थी। जब मां लौटी तो देखा कि घर में बेटी और बच्चियां मृत पड़ी हैं। पुलिस ने इस मामले की छानबीन शुरू की तो पता चला कि रंजिनी दो नवजात बच्चियों की अविवाहित मां थी। बच्चियों का पिता भारतीय सेना की 45 एडी रेजिमेंट में काम करने वाला डिबिल कुमार बी. है, जो पठानकोट में तैनात था। 28 साल का डिबिल कुमार लंबे समय तक रंजिनी के साथ रिलेशनशिप में था। रंजिनी के प्रेग्नेंट होते ही डिबिल कुमार बी. उससे दूरी बनाने लगा। 24 जनवरी 2006 को रंजिनी ने दो जुड़वा बच्चियों को जन्म दिया।

अविवाहित मां बनने के बाद रंजिनी ने शादी की बात की तो डिबिल मुकर गया। अपनी बच्चियों को पिता का नाम देने के लिए रंजिनी ने केरल राज्य महिला आयोग में दस्तक दी। आयोग ने डिबिल कुमार पी. के पैटरनिटी टेस्ट यानी पितृत्व परीक्षण कराने का आदेश दिया। पितृत्व परीक्षण से बचने के लिए आरोपी डिबिल कुमार ने रंजिनी और दोनों बच्चियों की हत्या की प्लानिंग की। सीबीआई के मुताबिक, उसने इस मर्डर केस में अपने साथ काम करने वाले सैन्यकर्मी राजेश पी. को शामिल किया। 33 साल का राजेश भी उसी रेजिमेंट में तैनात था, जहां डिबिल काम करता था। प्लान के मुताबिक, राजेश ने रंजिनी और उसकी मां से दोस्ती कर ली। उसने दोनों को भरोसा दिलाया कि वह डिबिल कुमार को शादी के लिए राजी कर लेगा।

इसके बाद वह लगातार रंजिनी के घर पर आने-जाने लगा। 10 फरवरी को जब रंजिनी की मां घर में नहीं थी, तब राजेश पी. के डिबिल कुमार भी आ धमका। दोनों ने मिलकर रंजिनी और जुड़वां बच्चियों की हत्या कर दी। वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों फरार हो गए और सेना की नौकरी भी छोड़ दी। मार्च 2006 में सेना ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया। पुलिस ने राजेश और डिबिल पर दो लाख रुपये का इनाम रखा, मगर उनकी खबर नहीं मिली। केरल हाई कोर्ट के आदेश पर इस ट्रिपल मर्डर की जांच सीबीआई को सौंप दी गई। दोनों आरोपी 19 साल तक कानून से बचते रहे, सीबीआई को भी उनका सुराग नहीं मिला। सीबीआई ने आरोपियों को पकड़ने के लिए मुखबिरों का जाल बिछाया था।

कई सालों की खोजबीन के बाद सीबीआई की चेन्नई यूनिट को सूचना मिली कि कुमार और राजेश फर्जी नामों से पुडुचेरी में रह रहे हैं। उन्होंने आधार कार्ड समेत नए दस्तावेज बनवा लिए हैं। दोनों ने नई पहचान के साथ अपना घर बसा लिया है। पुडुचेरी में ही दोनों ने अलग-अलग स्कूल टीचर से शादी कर ली है और उनके बच्चे भी हैं। सीबीआई की टीम ने कई दिनों तक उनकी रेकी की, फिर शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। उन्हें शनिवार को एर्नाकुलम के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया। उन्हें 18 जनवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई भी उनकी हिरासत की भी मांग करेगी।

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