सढा की गौशाला में मिल रही गौवंशों को मौत की सजा

 

-भूख से तड़प तड़प कर मर रहे मवेशी

 

-जिंदा गौवंश की आंख नोच ले गए कौवे नहीं है किसी को परवाह

नरैनी, बांदा। सढा गौशाला मे गौवंशों को मौत की सजा बिना किसी अपराध के दी जा रही है। स्थिति ऐसी की रूह कांप जाए लेकिन जिम्मेदारों को शायद पसीना भी नहीं आता । भृस्टाचार की कमाई खा खा करके इनकी चमड़ी इतनी मोटी हो गई है कि गौ वंशों के हिस्से का भी पैसा बिना डकार लिए पूरा खा जाते हैं और गौ वंशों को बदले मे मिलती है तड़पकर मौत ।आज विश्व हिंदू महा संघ गौ रक्षा समिति के जिला प्रवक्ता उमेश तिवारी अपनी टीम के साथ जब सढा एवं छतैनी गौशाला पहुंचे तो सढा में साफ सफाई बिल्कुल नहीं मिली चरही में गोबर का ढेर लगा था। गौशाला मे दो गौवंश मृत पाए गए एवं तीन मरणासन्न स्थिति मे गोबर से भरे दलदल मे पड़े थे खाने को जब गौरक्षा समिति के तहसील अध्यक्ष सोनू करवरिया एवं तहसील सह संयोजक अमन पहुंचे तब लगभग 2 बजे खड़े पुवाल से लदा ट्रैक्टर जब आया तभी उन गौवंशों को डाला गया। इसके पहले कुछ भी नहीं दिया गया था। इससे पहले गौवंश मल से पुवाल बीनकर खाते नजर आए। जो फोटो में साफ देख सकते हैं। जो स्टोर में दिखावा के लिए रखा भूसा को देखने मे ऐसा प्रतीत हुआ की शायद ही कभी गौ वंशों को दर्शन भी ना कराया गया हो। इस प्रकार छतैनी गौशाला का शेड दलदल से पूरा भरा था और गौ वंशों को गौशाला के बाहर मैदान में सिर्फ खड़ा पराली ही डाला गया था। साथ ही वहाँ पर नाबालिक बच्चे द्वारा काम कराया जा रहा था। जिला प्रवक्ता उमेश तिवारी ने तत्काल यह सूचना जिलाधिकारी बांदा को दी।मुख्य चिकित्साधिकारी को फोन के माध्यम से यथास्थिति बताई गयी तहसील अध्यक्ष सोनू करवारिया ने तत्काल उपजिलाधिकारी नरैनी को सूचना दी अब देखना है जिम्मेदार अधिकारी इस पर क्या कार्यवाही करते हैं या फिर बंद कमरे मे इस मामले को यूँ ही रफा दफा कर दिया जायेगा।

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