वाराणसी- काशी के महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर शवों की कतारें लगी हैं। गुरुवार (30 मई) को सामान्य दिनों की तुलना में तीन गुना 400 से ज्यादा शव पहुंचे। मणिकर्णिका घाट की गलियों में रातभर जाम लगा रहा। भीड़ से व्यवस्थाएं ध्वस्त हो गईं। घाट पर अंतिम संस्कार कराने वाले डोम राजा ओम चौधरी ने बताया, गर्मी बढ़ने के बाद अचानक शवों की संख्या बढ़ी है। ओम चौधरी, डोम राजा जगदीश चौधरी के बेटे हैं। मणिकर्णिका पर अंतिम संस्कार की पूरी जिम्मेदारी उनकी ही है गुरुवार आधी रात में मैदागिन से लेकर मोक्षद्वार तक शव ही शव नजर आ रहे थे। गली और घाट में जब जगह कम पड़ी तो शवों को एक के ऊपर एक रख दिया। मणिकर्णिका में रातभर अंतिम संस्कार होता है। ऐसे में शुक्रवार तड़के तक वहां ऐसे ही हालात रहे।
गुरुवार रात घाट पर बनाए गए प्लेटफार्म पर जितने शव जल रहे थे, उससे कई गुना शव लेकर लोग कतार में खड़े थे। घाट के डोम ने भीड़ देखकर शवों को कतार में लगवाया। जगह कम पड़ी, तो शव के ऊपर शव रखवा दिए।घाट पर एक बार में 25 से 30 शवों का ही अंतिम संस्कार कराया जाता है। ऐसे में वेटिंग लिस्ट लंबी होती जा रही थी। काशी के आसपास के जिलों से शव लेकर आए परिजनों को दाह-संस्कार के लिए 5-5 घंटे तक प्रतीक्षा करनी पड़ी। यही वजह थी, गलियों में शवों की संख्या और भीड़ दोनों बढ़ गई।
एसडीएम सार्थक अग्रवाल ने कहा- घाट पर नगर निगम की जिम्मेदारी है। अगर किसी तरह की दिक्कत होती है, तो उसे ठीक किया जाएगा। वहीं, नगर निगम के अपर नगर आयुक्त दुष्यंत मौर्य ने कहा- जब शव की संख्या बढ़ी, तो अतिरिक्त कर्मचारी लगा दिए गए हैं। नगर निगम का जिम्मा है। लोगों की परेशानी खत्म करने पर तुरंत काम किया जाएगा।