रामपुर: उत्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान से जुड़े डुंगरपुर के एक और मामले में फैसला आया है। रामपुर कोर्ट ने इस मामले में सपा नेता आजम खान समेत चार लोगों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। समाजवादी पार्टी नेता आजम खान के खिलाफ 2019 में डूंगरपुर बस्ती में रहने वाले लोगों ने बस्ती को खाली कराने के नाम पर लूटपाट, चोरी, मारपीट, छेड़खानी समेत अन्य धाराओं में गंज थाने में 12 मुकदमे दर्ज कराए थे। डुंगरपुर मामले में चार मुकदमों में फैसला आ चुका है। दो मामलों में सपा नेता बरी हो चुके हैं। वहीं, दो केस में सजा का ऐलान हुआ है। सपा नेता फिलहाल सीतापुर जेल में बंद हैं।
डुंगरपुर बस्ती में रहने वाले एक व्यक्ति की ओर से दर्ज कराए गए केस में दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद सोमवार को कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने सपा नेता आजम खान को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। कोर्ट ने इसके अलावा उनके करीबी रह चुके फसाहत अली खान शानू, इमरान, इकराम, शावेज खान, ठेकेदार बरकत अली को भी साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। सपा नेता के अधिवक्ता जुबैर खान ने बताया कि कोर्ट ने सोमवार को इस मामले में फैसला सुनाया और सभी आरोपियों को बरी कर दिया है।
डुंगरपुर बस्ती का मामला 6 दिसंबर 2016 का है। उस समय यूपी में समाजवादी पार्टी की अखिलेश यादव सरकार थी। आजम खान सरकार में मंत्री थे। इसी दौरान बस्ती की जमीन पर कब्जे का मामला आया। हालांकि, इसकी शिकायत 2019 में दर्ज कराई गई, जब प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार थी। केस दर्ज होने के बाद आजम खान के खिलाफ लंबी न्यायिक प्रक्रिया चली। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे सोमवार सुनाया गया।