नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के रियासी में बस पर हुए आतंकी हमले के दौरान दिल्ली के सौरभ गुप्ता की हुई मौत के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मंगलवार की सुबह 7 बजे जैसे ही सौरभ गुप्ता (21) का शव ईस्ट दिल्ली के मंडोली चुंगी पहुंचा, शव को देख परिवार से लेकर रिश्तेदार-पड़ोसियों के घरों में मातम छा गया। बेटे का शव देख पिता कुलदीप गुप्ता को बिलखता देख सबकी आंखें नम हो गईं। वहीं, अस्पताल में भर्ती शिवानी अपने पति सौरभ के बारे में पूछ-पूछ कर रो रही हैं। परिजनों ने बताया कि 3 जुलाई को दोनों की शादी की सालगिरह थी।
जानकारी के मुताबिक, मंडोली चुंगी के रहने वाले सौरभ की दो साल पहले लक्ष्मी नगर की रहने वाले शिवानी से शादी हुई थी। सौरभ के पिता कुलदीप गांधी नगर मार्केट में सिलाई का काम करते थे, जहां उनके काम में सौरभ भी हाथ बंटाते थे। दोनों पिता-पुत्र साथ ही काम पर जाते और लौटते थे। सौरभ का एक छोटा भाई गौरव है। जो अभी पढ़ाई कर रहा है। काफी दिनों से वह माता वैष्णो देवी के दर्शन करने का प्लान बना रहे थे। जिसके बाद 7 जून को वहां जाने का फैसला हुआ। सौरभ के चाचा मनोज गुप्ता ने बताया कि दोनों हंसते-खेलते मन्नत मांगने के लिए रवाना हुए। मां वैष्णो देवी के दर्शन करने के बाद वह 9 जून को शिवखोड़ी धाम के दर्शन करने के बाद कटरा के लिए लोकल बस पकड़ी, कुछ ही दूर बस गई थी। तभी बस पर हमला हो गया। जिसमें सौरभ की मौत हो गई है। उनकी पत्नी बुरी तरह से घायल हो गईं।
घायल सौरभ की पत्नी शिवानी के हाथ-पैर में फ्रैक्चर हो गए हैं। इसके अलावा चेहरे और सीने पर गंभीर चोट आई हैं। दर्द से कराह रहीं शिवानी हर बार अपने पति के बारे में पूछ रही हैं। शिवानी बताती हैं कि वह खिड़की वाली सीट पर पति के साथ बैठीं। अचानक गोलियों की आवाज आई। कुछ ही सेकंड बीते कि दो आतंकी सामने आ गए। उनमें से एक ने खिड़की पर गोली चलाई। जिसके बाद वे बेहोश हो गईं। शिवानी ने बताया कि जब आंख खुली तो वह अस्पताल में भर्ती थीं। वह अपने पति के बारे में डॉक्टर से लेकर नर्स से पूछ रही हैं।