प्रयागराज में 4 श्मशान घाटों पर 24 घंटे में 414 शवों का अंतिम संस्कार, बढ़ रहा गर्मी का कहर

 

प्रयागराज –  तीन दिन से देश में सर्वाधिक गर्म रिकॉर्ड किए गए प्रयागराज में श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं बची। शृंग्वेरपुर धाम श्मशान घाट के रास्ते शव लेकर आने वालों की भीड़ से पैक हो गए। वहां दो पहिया वाहनों को खड़ा करने की भी जगह नहीं बची। मंगलवार को शहर और आसपास के चार श्मशान घाटों को मिलाकर 414 शवों का अंतिम संस्कार किया गया।शहर के दारागंज श्मशान घाट पर प्रयागराज के अलावा पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश के रीवा, हनुमान तक के लोग शवों के अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे। यहां रात के 11 बजे तक 80 शवों का अंतिम संस्कार किया गया।

घाट के लकड़ी विक्रेता राजाराम के मुताबिक, दो दिनों से श्मशान घाट पर लाए जा रहे शवों को देखकर कोरोना काल की यादें ताजा हो गईं। इसी तरह रसूलाबाद घाट पर 24 घंटे के भीतर 60 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया गया। इसी तरह शृंग्वेरपुरधाम के श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार के लिए चिताओं की संख्या बढ़ती गई। श्मशान घाटों पर धधकती चिताएं प्रचंड गर्मी की गवाही दे रही थीं। पिछले दो दिनों से छतनाग श्मशान घाट पर चिता की राख ठंडी तक नहीं हो पा रही है। पिछले दो दिनों से छतनाग श्मशान घाट पर दिनरात चिताएं जलाई जा रही हैं।

गर्मी और लू लगने के कारण मरने वालों में बुजुर्ग, अधेड़ के साथ ही युवाओं की संख्या भी ज्यादा है। एक साथ भारी तादाद में चिताओं को जलाने के लिए लकड़ी तक कम पड़ जा रही है। ऐसे में आसपास के इलाकों से श्मशान घाट पर लकड़ी मंगाई जा रही है। फाफामऊ श्मशान घाट पर इस दिन 32 शवों का अंतिम संस्कार किया गया।
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