नई दिल्ली: मासूम चेहरा, दिल को लूट लेने वाली अदाएं और उसकी प्यार भरी बातें। शशि को देखकर पहली नजर में ही इंद्रपाल उसके ऊपर दिल हार बैठा था। जिंदगी भर साथ निभाने का वादा भी कर दिया। और जब बात उसकी मोहब्बत को साबित करने की आई, तो इंद्रपाल ने पहले से ही शादीशुदा और एक बच्चे की मां शशि की मांग में सिंदूर भर उसे अपना जीवन साथी बना लिया। शशि को पाकर इंद्रपाल की जिंदगी खुशियों से भर गई। कुछ दिन बीते तो हरियाणा के सिरसा में रहने वाला इंद्रपाल शशि को लेकर राजस्थान आ गया और यहां भिवाड़ी में दोनों किराए का एक फ्लैट लेकर रहने लगे। यहां शशि ने इंद्रपाल के बेटे को जन्म दिया। इंद्रपाल को भिवाड़ी में ही काम मिल गया था और शशि भी एक कंपनी में गार्ड के तौर पर नौकरी करने लगी।
इस बीच 29 जून शनिवार की सुबह तकरीबन 8 बजे राजस्थान की शेखुपुर पुलिस को खबर मिलती है कि थाने से लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर खून से लथपथ एक लाश पड़ी है। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंचती है तो लाश से कुछ दूरी पर ही एक मोटरसाइकिल भी मिलती है। पंचनामा करने के बाद लाश को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया जाता है और तफ्तीश शुरू होती है। बाइक के नंबर और मौके पर मिले मोबाइल से पता चलता है कि ये लाश किसी और की नहीं, बल्कि इंद्रपाल की है। उसकी हत्या गला रेतकर की गई थी। इलाके में दहशत फैल जाती है कि आखिर किसने इतनी बेरहमी के साथ इंद्रपाल की हत्या की। उसके पड़ोस में रहने वाले लोग बताते हैं कि इंद्रपाल का किसी से कोई विवाद नहीं था। हां उसके घर पर जरूर कई लोगों का आना-जाना था। इसी पूछताछ में दो लोगों के नाम सामने आते हैं, जो अक्सर उस वक्त इंद्रपाल के घर जाते थे, जब वो काम पर जा चुका होता था। ये नाम थे- बालकांत और कुलदीप। बालकांत हैदराबाद का रहने वाला था और कुलदीप बल्लभगढ़ का। दोनों उसी सोसाइटी में इंद्रपाल के ऊपर के फ्लैट में किराए पर रहते थे।
बालकांत और कुलदीप से पूछताछ के लिए पुलिस उनके फ्लैट पर पहुंचती है, तो वहां ताला लगा हुआ मिलता है। अब पुलिस का इन दोनों पर शक बढ़ जाता है। दोनों के नंबर सर्विलांस पर लगाए जाते हैं और कुछ ही घंटों बाद पुलिस बालकांत और कुलदीप को गिरफ्तार कर लेती है। थाने लाकर इनसे पूछताछ होती है तो दोनों अपना गुनाह कबूल कर लेते हैं। लेकिन साथ ही एक ऐसी कहानी भी सामने आती है, जिसे सुनकर पुलिस के आला अफसर भी हैरान रह जाते हैं। इंद्रपाल की हत्या तो कुलदीप और बालकांत ने की थी, लेकिन ये पूरी साजिश खुद उसकी बीवी शशि ने रची थी। वही शशि, जिसे इंद्रपाल अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करता था।
अपनी बीवी के बारे में इंद्रपाल आसपास के लोगों से पूछताछ कर ही रहा था कि तभी वहां कुलदीप और बालकांत पहुंचे। उन्होंने इंद्रपाल को बताया कि उसकी बीवी उनके सामने ही घर छोड़कर कहीं चली गई। दोनों उससे बताते हैं कि वो तिजारा में रहने वाले एक बाबा को जानते हैं, जो ना केवल उसकी पत्नी को खोज सकता है, बल्कि उसकी नाराजगी भी दूर कर सकता है। इंद्रपाल तुरंत अपनी मोटर साइकिल उठाता है और उनके बताए पते पर पहुंचने के निकल जाता है। कुलदीप और बालकांत भी अपनी स्कूटी से उसके पीछे चलते हैं। सुनसान जगह देखकर दोनों इंद्रपाल को रोकते हैं और गला रेतकर उसकी हत्या कर देते हैं। पुलिस ने रविवार को इस मामले का खुलासा करते हुए इंद्रपाल की हत्या के आरोप में शशि और उसके दोनों प्रेमियों को जेल भेज दिया।