नई दिल्ली: साहेब यहां एक घर से बहुत तेज दुर्गंध आ रही है, आप जल्दी से आ जाओ…। 15 जून की सुबह करीब 8 बजे, जब धर्म नगरी हरिद्वार श्रद्धालुओं की भीड़ से भरी थी, तो जिले की सिडकुल पुलिस के पास एक फोन पहुंचता है। पुलिस की टीमें तुरंत मौके पर जाती हैं और जब उस घर का दरवाजा तोड़ा जाता है तो अंदर का हाल देखकर हर कोई हैरान रह जाता है। मौके पर भारी भीड़ जमा हो जाती है। कुछ देर बाद पुलिस उस घर से एक लाश बाहर निकालती हैं और पंचनामा कर उसे पोस्टमार्टम के लिए भिजवा देती है। लाश किसकी थी, कैसे उसकी मौत हुई और उस घर के अंदर आखिर क्या हुआ था, ऐसे बहुत से सवाल खड़े हो जाते हैं।
पुलिस मामला दर्ज कर तफ्तीश शुरू करती है। अगले दिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आती है तो पता चलता है कि जिस आदमी की वो लाश थी, उसे जहर देकर मारा गया था। अब पुलिस कातिल की तलाश शुरू करती है। उस इलाके की छोटी-छोटी और संकरी गलियों के बीच लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले जाते हैं। कड़ियां जुड़ती हैं तो फुटेज में एक महिला और एक आदमी रात के अंधेरे में उस इलाके से संदिग्ध हालत में भागते हुए नजर आते हैं। पुलिस अपने मुखबिरों को अलर्ट करती है, सायरन बजाती हुई गाड़ियां हर तरफ दौड़ने लगती हैं और आखिरकार 15 दिन की मशक्कत के बाद इस कत्ल को अंजाम देने वाले पति-पत्नी पुलिस की गिरफ्त में आ जाते हैं।
दोनों से पूछताछ होती है तो पता चलता है कि ये कहानी अवैध संबंधों की है। लिव इन रिलेशनशिप के बीच महिला के पति की एंट्री और प्रेमी के दखल की है। एक ऐसी कहानी, जिसमें हरिद्वार के एक आश्रम में हुई मुलाकात सबकुछ बदलकर रख देती है। जिस आदमी का कत्ल हुआ, उसका नाम था लक्ष्मण। मूल तौर पर यूपी के पीलीभीत का रहने वाला लक्ष्मण हरिद्वार में मजदूरी करता था। जिस पति-पत्नी को उसके कत्ल के आरोप में पकड़ा गया, उनमें महिला का नाम अंजू देवी और पति का नाम मधु राय था। लक्ष्मण हरिद्वार में अंजू के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रह रहा था।
झारखंड के रहने वाले मधु राय से अंजू की शादी करीब 9 साल पहले हुई थी। शादी के बाद मधु अपनी पत्नी के साथ घर जमाई बनकर रहने लगा और कुछ दिन बाद ही दोनों के बीच झगड़े शुरू हो गए। इस बीच अंजू ने एक बेटे को भी जन्म दिया। दोनों के बीच जब झगड़े ज्यादा बढ़ने लगे, तो अंजू घर छोड़कर यूपी के बरेली में आकर रहने लगी। यहां उसकी मुलाकात लक्ष्मण नाम के आदमी से हुई और दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ने लगी। एक दिन लक्ष्मण अंजू को लेकर पीलीभीत में अपने घर गया, लेकिन उसके साथ एक शादीशुदा महिला को देखकर घरवाले भड़क गए। हारकर लक्ष्मण और अर्जुन उत्तराखंड के हरिद्वार आ गए और किराए का एक कमरा लेकर लिव इन में रहने लगे।
यहां हरिद्वार के एक आश्रम में अंजू के कुछ परिचित रहते थे और वो अक्सर उसने मिलने के लिए वहां जाया करती थी। एक दिन जब आश्रम में सत्संग चल रहा था तो अंजू की मुलाकात अचानक अपने पति मधु राय से हो गई। साथ में उसका 8 साल का बेटा भी था। अपने बेटे को देखकर अंजू को पुरानी जिंदगी याद आने लगी और इसी आश्रम में पति-पत्नी के बीच फिर से सुलह हो गई। अपने पति और बेटे को लेकर अंजू घर पहुंची और पड़ोस के मकाने में उसे भी किराए पर एक कमरा दिला दिया। अंजू ने अपने प्रेमी से झूठ बोलते हुए पति को भाई और बेटे को अपना भतीजा बताया। शुरुआत में सबकुछ ठीक रहा, लेकिन जल्दी ही लक्ष्मण को उसकी सच्चाई पता चल गई।
अब अंजू और लक्ष्मण के बीच झगड़े होने लगे। लक्ष्मण उसके साथ मारपीट भी करने लगा। उसे अंजु का उसके पति मधु राय से मिलना जुलना पसंद नहीं था। ऐसे में अंजू और उसके पति ने एक खौफनाक प्लान बनाया। प्लान था लक्ष्मण को रास्ते से हटाने का। 14 जून की रात अंजू ने खाना बनाया और उसमें जहर मिलाकर लक्ष्मण को खिला दिया। खाना खाते ही कुछ ही पलों में लक्ष्मण ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया। इसके बाद अंजू और उसके पति मधु ने उस कमरे का दरवाजा बाहर से बंद किया और मौका देखकर भाग निकले। हालांकि, दोनों की साजिश उस वक्त खुल गई, जब पुलिस ने उन्हें बस अड्डे से रानीपुर मोड़ की तरह जाते हुए दबोच लिया।