मुंबई। एक साल पहले दुनिया का सबसे छोटा और सबसे हल्का सैटलाइट कलामसैट लॉन्च करने वाला स्पेस किड्स इंडिया (SKI) एक और इतिहास रचने के लिए तैयार है। अगर सब ठीक रहा तो अगले साल 2019 तक पहली बार भारतीय छात्रों का बनाया हुआ रोवर चांद के लिए उड़ान भरेगा। चेन्नै स्थित SKI के विनय भारद्वाज और यग्न साई ने यह जानकारी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे में दी। IIT-B में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बताया कि इस मिशन पर सबसे छोटा और सबसे हल्का लैंडर और रोवर भेजा जाएगा। भारद्वाज ने बताया कि लॉन्चर तय करने के बारे में फैसला जल्द ही किया जाएगा। SKI बच्चों का संगठन है और मिशन बच्चों के लिए है। उन्होंने लोगों से मिशन में जुड़ने और उन्हें सपॉर्ट करने की अपील भी की।
इससे पहले 2017 में SKI ने दुनिया का सबसे छोटा और सबस हल्का सैटलाइट नासा के रॉकेट से लॉन्च किया था। इस सैटलाइट को पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर ‘कलामसैट’ नाम दिया गया था। SKI ने बताया कि उस मिशन के बाद से कई छात्रों को प्रेरणा मिली और उम्मीद जागी कि वे भी कुछ कर सकते हैं। साई ने कहा, ‘यह एक संदेश था कि केवल अकैडमिक काम और मार्क्स ही सब कुछ नहीं होता। इस मिशन से बच्चों के लिए जरूरी अनुभव मिला।’ बता दें कि एक साल पहले अंतरिक्ष एजेंसी नासा और कोलोराडो स्पेस ग्रेंट कन्सॉर्शीअम कंपनी ने एजुकेशन कंपनी आईडूडल के साथ मिलकर ‘क्यूब्स इन स्पेस’ प्रतियोगिता का आयोजन किया था। इसमें भारतीय छात्र रिफत शारूक द्वारा बनाए गए सैटलाइट ने पहला स्थान हासिल किया था। रिफत SKI के साथ मिलकर भारतीय बच्चों और किशोरों के बीच विज्ञान और शिक्षा को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं।