गिरिडीह
साइबर अपराध के मामले में जामताड़ा पूरे देशभर में चर्चित है। यह सच्चाई है कि इस अपराध की शुरुआत जामताड़ा जिले से ही हुई है। लेकिन, पड़ोसी गिरिडीह जिला साइबर अपराध में अब जामताड़ा को कड़ी चुनौती दे रहा है। कुछ मामलों में तो आप कह सकते हैं कि गिरिडीह अब जामताड़ा से आगे निकलने की स्थिति में है। गिरिडीह जिले में साइबर अपराध की नींव जामताड़ा जिले के ही साइबर अपराधियों ने अपने रिश्तेदारों के जरिए डाली थी। गिरिडीह में साइबर अपराध किस कदर बढ़ा है, इसका अंदाजा आपको इसी से लग जाएगा कि करीब साढ़े तीन सौ साइबर अपराधियों को गिरिडीह पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। उनमें से करीब 45 साइबर अपराधी ऐसे हैं जिन्हें दूसरे राज्यों की पुलिस ट्रांजिट रिमांड पर अपने साथ ले गई है। बढ़ते अपराध को देखते हुए सरकार ने गिरिडीह में साइबर थाना खोला है। एसडीपीओ मनीष टोप्पो को इसका नोडल अफसर बनाया गया है। हालांकि जिले में अभी तक एक भी साइबर आरोपित को अदालत से सजा नहीं हो पाई है। अपराधियों ने अब तक करोड़ों रुपये का ट्रांजेक्शन किया है। हालांकि साइबर सेल अभी यह पूरी तरह से पता नहीं लगा सका है कि साइबर अपराधियों ने कितने रुपये का ट्रांजेक्शन किया है।
जिले में साइबर सेल ने पिछले डेढ़ वर्षों तक पुलिस लाइन में कार्य किया। इसके बाद दिसंबर 2017 में पूर्ण रूप से महिला थाना के ऊपरी तल पर साइबर थाना खोला गया। अब तक साइबर अपराध से संबंधित 228 प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है। पकड़े गए आरोपितों के पास से पुलिस ने मोबाइल, फर्जी सिम, एटीएम, पासबुक, चेकबुक, आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, नकद राशि के अलावा बाइक व कार भी जब्त की है। आरोपितों ने साइबर अपराध के माध्यम से बैंक खातों के अलावा ऑनलाइन खरीदारी में करोड़ों रुपये का ट्रांजेक्शन किया है। गिरिडीह के अहिल्यापुर, गांडेय, बेंगाबाद, मुफस्सिल व ताराटांड थाना क्षेत्र में साइबर अपराधी फर्जी बैंक अधिकारी बन मोबाइल की बटनों पर अंगुली फिरा कर अपने जाल में फंसाते हुए लोगों को ठगने में जुटे हैं। फेसबुक, ओएलएक्स, जीमेल आदि पर अकाउंट हैक करने के मामले में 10 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया की जा रही है। दो दुकानदारों द्वारा फर्जी सिम बेचने के मामले में 10 अलग-अलग कंपनियों से जुर्माना वसूलने के लिए विशेष शाखा के अपर पुलिस महानिदेशक को साइबर पुलिस ने लिखा है।
जिले से तीन साइबर आरोपितों की संपत्ति जब्त करने से संबंधित पत्र प्रवर्तन निदेशालय को भेजा गया है। ऐसे आरोपियों में अहिल्यापुर थाना क्षेत्र के जोरासिमर गांव निवासी राजेंद्र मंडल, रणवीर मंडल तथा गांडेय थाना क्षेत्र के रसकुट्टो गांव निवासी पवन मंडल शामिल हैं। इन आरोपियों ने साइबर अपराध की दुनिया में कदम रखने के बाद 30 लाख से अधिक की संपत्ति अर्जित की है। ईडी को भेजे गए मामलों में आरोपितों के घरों का गूगल मैप से तैयार किए गए लोकेशन की कॉपी, डिटेल की तैयार की गई सीडी व आरोपी के साथ-साथ उसके घरों का फोटो आदि शामिल है। बता दें कि 30 लाख से अधिक की संपत्ति अवैध तरीके से अर्जित करने वाले का ही मामला प्रवर्तन निदेशालय को संपत्ति जब्ती के लिए भेजा जाता है। चार साइबर आरोपितों के खिलाफ न्यायालय में दर्ज जीआर की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
न्यायालय में पुलिस की ओर से गवाही की अंतिम प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। जिन आरोपितों के खिलाफ गवाही की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है उनमें अहिल्यापुर थाना के आरोपी मुकेश कुमार, मदन मंडल, ङ्क्षपटू मंडल व नगर थाना के आरोपी विकास मंडल शामिल हैं। साइबर अपराध से संबंधित पीडि़त व्यक्तियों का अब तक करीब 170 ऑनलाइन रिक्वेस्ट 100 डायल पर सीआइडी कार्यालय रांची में भेजा गया। इनमें से 91 व्यक्तियों से लिखित लेकर सिम बंद करने को लेकर संबंधित कंपनी को प्रस्ताव भेजा गया है। शेष 79 मामलों पर प्रक्रिया जारी है। ऑनलाइन रिक्वेस्ट सीआइडी में आने के बाद संबंधित थानों को जांच के लिए दिया जाता है। साथ ही तकनीकी आंकड़ों के माध्यम से आरोपितों से संबंधित जानकारी खंगाली जाती है। इससे पूर्व तकनीकी माध्यम का उपयोग करते हुए कस्टमर एप्लीकेशन फॉर्म, एलबीएस, टॉवर लोकेशन के आधार पर सीडीआर तैयार की जाती है। तत्पश्चात छापेमारी की प्रक्रिया पूरी की जाती है। साइबर आरोपितों की धर पकड़ के लिए अब तक आधा दर्जन राज्यों के अलावा झारखंड के अन्य जिलों से पुलिस टीम आ चुकी है। इन टीमों को साइबर आरोपितों को पकड़ने में स्थानीय पुलिस की अहम भूमिका रही है। जिन राज्यों से अब तक यहां पुलिस की टीम आई है उसमें छत्तीसगढ़, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, उत्तराखंड़ व महाराष्ट्र शामिल हैं। यहां की पुलिस करीब 45 साइबर आरोपितों को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई है। इसके अलावा राज्य के कई जिलों की पुलिस भी साइबर आरोपियों की टोह में यहां आ चुकी है। गिरिडीह के एसडीपीओ मनीष टोप्पो के मुताबिक गिरिडीह जिला शीघ्र ही साइबर अपराध से मुक्त होगा। इस दिशा में बनी रणनीति पर काम किया जा रहा है। इतनी बड़ी संख्या में साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी इसका सबूत है। जेल भेजने के साथ-साथ साइबर अपराध रोकने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है।
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